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Danger: क्या Insta पर विडियो डालते ही व्यूज़ चेक करते हैं? Doctor की राय

Instant Gratification, Mental Health, Health tips, Instagram, social media: आज की डिजिटल दुनिया में हर चीज़ तुरंत चाहिए—फूड डिलीवरी हो, ऑनलाइन शॉपिंग, या सोशल मीडिया पर लाइक्स. युवाओं के लिए यह “इंस्टेंट ग्रैटिफिकेशन”(Instant Gratification) यानी तुरंत संतुष्टि पाने की आदत आम हो गई है. लेकिन क्या यह आदत हमारी patience (धैर्य) और mental health को नुकसान पहुँचा रही है? चलिए समझते है ये इंस्टेंट ग्रेटीफिकेशन(Instant Gratification) क्या है, और इसका क्या असर है. इसके साथ ही एक्सपर्ट की राय भी जानेंगे.

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इंस्टेंट ग्रैटिफिकेशन(Instant Gratification) क्या है?

जब हम किसी चीज़ का परिणाम या खुशी तुरंत चाहते हैं—जैसे सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते ही लाइक्स मिलना, शॉपिंग में फास्ट डिलीवरी, या गेमिंग में तुरंत रिवॉर्ड पाना—इसे इंस्टेंट ग्रैटिफिकेशन कहते हैं.

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इसको समझते है रोज़मर्रा के उदाहरण से :

  • इंस्टाग्राम पर स्टोरी डालते ही व्यूज़ गिनना
  • रील्स पर तुरंत रिएक्शन पाना
  • गेम में फटाफट लेवल अप करना
  • ऑनलाइन शॉपिंग में “same day delivery” की डिमांड आदि. सोशल मीडिया और डोपामीन हिट्स
  • डोपामीन का रोल: हर नोटिफिकेशन, लाइक, या कमेंट हमारे दिमाग को डोपामीन (खुशी का हार्मोन) देता है. इससे हम बार-बार फोन चेक करते हैं और छोटी-छोटी चीज़ों में खुशी ढूंढते हैं.
  • अटेंशन स्पैन कम होना: तुरंत रिजल्ट पाने की आदत से हमारा ध्यान बहुत कम समय तक किसी एक चीज़ पर टिकता है फिर वो चाहे पढ़ाई हो, किताबें हों या लंबी बातें बोरिंग लगने लगती हैं.
  • FOMO (Fear of Missing Out):हर वक्त कुछ मिस न हो जाए, इस डर से हम लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं.
  • अनहेल्दी कम्पैरिजन: दूसरों की लाइफ देखकर खुद को कम आंकना और तुरंत वैसी खुशी पाने की चाहत. इंस्टेंट ग्रैटिफिकेशन के नुकसान
  • धैर्य की कमी: छोटी-छोटी बातों में भी तुरंत रिजल्ट न मिलने पर frustration बढ़ जाता है.
  • लंबी मेहनत से डर: जो चीज़ें समय लेती हैं, जैसे स्किल सीखना या फिटनेस, उनमें interest कम हो जाता है.
  • मेंटल हेल्थ पर असर:बार-बार फेल्योर या रिजल्ट न मिलने पर anxiety और low self-esteem बढ़ सकती है.
  • रिश्तों में असर: दोस्ती या रिलेशनशिप में भी तुरंत attention या reply न मिले तो misunderstanding हो सकती है.

युवाओं के अनुभव

कई युवाओं ने माना कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन लाइफस्टाइल की वजह से उनकी patience कम हो गई है. वे हर चीज़ में जल्दी रिजल्ट चाहते हैं—चाहे वो पढ़ाई हो, रिलेशनशिप हो या करियर. कुछ ने digital detox या सोशल मीडिया ब्रेक लेकर अपनी फोकस और धैर्य शक्ति को वापस पाया.

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विशेषज्ञ सलाह

डॉ. शिल्पा शुक्ला, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट हैं, कहती हैं: “इंस्टेंट ग्रैटिफिकेशन की आदत से युवाओं में धैर्य की कमी और anxiety बढ़ रही है. जरूरी है कि युवा खुद को डिलेड ग्रैटिफिकेशन (Delayed Gratification) के लिए ट्रेन करें—यानी लंबा इंतजार और मेहनत करने की आदत डालें. इससे न सिर्फ़ mental strength बढ़ती है, बल्कि लाइफ में बड़ी उपलब्धियाँ भी मिलती हैं.

Self-Control कैसे बढ़ाएं?

  • डिजिटल डिटॉक्स:दिन में कुछ घंटे बिना फोन या सोशल मीडिया के बिताएं.
  • माइंडफुलनेस प्रैक्टिस: मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग, या जर्नलिंग से patience बढ़ाएं.
  • लॉन्ग-टर्म गोल्स सेट करें: छोटी-छोटी जीत के बजाय, बड़ी उपलब्धियों पर फोकस करें.
  • डिलेड ग्रैटिफिकेशन सीखें: खुद को चैलेंज करें—जैसे सोशल मीडिया स्क्रॉल करने से पहले 30 मिनट पढ़ाई करें.
  • रियल लाइफ एक्टिविटीज़: आउटडोर गेम्स, आर्ट, या म्यूजिक जैसी एक्टिविटीज़ में समय बिताएं, जहां तुरंत रिजल्ट नहीं मिलता. पैरेंट्स और टीचर्स के लिए सुझाव
  • रोल मॉडल बनें: बच्चे बड़ों की आदतें जल्दी सीखते हैं. खुद भी patience दिखाएं.
  • लंबी मेहनत का महत्व समझाएं: बच्चों को बताएं कि बड़ी चीज़ें समय लेती हैं.
  • ओपन कम्युनिकेशन: बच्चों से उनकी feelings और frustrations के बारे में बात करें.
  • छोटे-छोटे चैलेंज: बच्चों को छोटे-छोटे tasks दें, जिनमें उन्हें इंतजार करना पड़े—जैसे पौधा लगाना और उसका ग्रोथ देखना.

एक्सपर्ट टिप्स

  • साइकोलॉजिस्ट्स का मानना है कि इंस्टेंट ग्रैटिफिकेशन की आदत से बचने के लिए बच्चों और युवाओं को धीरे-धीरे डिलेड ग्रैटिफिकेशन की प्रैक्टिस करानी चाहिए.
  • पैरेंट्स और टीचर्स को चाहिए कि वे बच्चों को लंबी मेहनत और इंतजार का महत्व समझाएं.

इंस्टेंट ग्रैटिफिकेशन आज की डिजिटल जनरेशन की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. लेकिन थोड़ी सी समझदारी, self-control और सही आदतों से हम अपनी patience और mental strength को मजबूत बना सकते हैं. जैसा कि डॉ. शिल्पा शुक्ला कहती हैं—हर खुशी तुरंत नहीं मिलती, कई बार सबसे अच्छी चीज़ें इंतजार करने वालों को ही मिलती हैं.

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