सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी की जयंती, जिसे गुरुपरब या प्रकाश पर्व के रूप में जाना जाता है, पूरे देश में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार, गुरु नानक देव की जयंती हर वर्ष अक्टूबर और नवंबर के बीच में आने वाली कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस साल 2025 में सिक्खों का यह खास दिन 5 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा. इस साल गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती मनाई जाएगी. यह दिन प्रेम, ज्ञान, और सत्य के प्रकाश का प्रतीक है.
गुरु नानक देव जी का संदेश
गुरु नानक देव जी ने समाज को “एक ओंकार” का संदेश दिया — कि ईश्वर एक है और वह हर जीव में बसता है, उन्होंने सिखाया कि इंसान को हमेशा सच्चाई, समानता और प्रेम के मार्ग पर चलना चाहिए.
उनके तीन मूल उपदेश — नाम जपना (ईश्वर का स्मरण करना), किरत करना (ईमानदारी से काम करना), वंड छकना (अपनी कमाई का हिस्सा जरूरतमंदों को देना) आज भी जीवन का सच्चा मार्ग दिखाते हैं.
प्रकाश पर्व का महत्व
गुरुपरब को “प्रकाश पर्व” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह दिन ज्ञान और सत्य के प्रकाश का प्रतीक है, इस दिन देशभर के गुरुद्वारों में दीयों और रोशनी से सजावट की जाती है, कीर्तन दरबार आयोजित किए जाते हैं और लंगर सेवा के माध्यम से मानवता का संदेश दिया जाता है.
गुरु नानक जयंती 2025 पर भेजें ये शुभकामनाएं
“गुरु नानक देव जी के आशीर्वाद से आपके जीवन में उजाला और सुख-शांति बनी रहे, शुभ गुरुपरब!”
“प्रकाश पर्व के इस पावन अवसर पर आपके जीवन में प्रेम, सद्भावना और नई ऊर्जा का संचार हो।”
“गुरु नानक देव जी का प्रकाश आपके जीवन के हर अंधकार को मिटा दे। हैप्पी गुरुनानक जयंती!”
“गुरु जी के उपदेशों को अपनाएं और अपने जीवन में सच्चाई व करुणा का दीप जलाएं।”
“गुरुपरब की रोशनी आपके जीवन में नई उम्मीदों और खुशियों की किरण लेकर आए।”
गुरुद्वारों में दिखेगा भक्ति का अद्भुत नजारा
इस मौके पर देशभर के गुरुद्वारों में निशान साहिब की परिक्रमा, नगर कीर्तन, और अखंड पाठ का आयोजन किया जाता है, श्रद्धालु भजन-कीर्तन में डूबकर गुरु नानक देव जी के उपदेशों को याद करते हैं.
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