क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब कोई व्यक्ति जम्हाई लेता है, तो आपको भी अचानक जम्हाई आने लगती है. यह सिर्फ एक सामान्य आदत नहीं है, बल्कि इसके पीछे मनोवैज्ञानिक और न्यूरोलॉजिकल कारण होते हैं. इसे वैज्ञानिक भाषा में “contagious yawning” कहा जाता है.
जम्हाई क्यों होती है?
जम्हाई लेने का मुख्य कारण शरीर और दिमाग को ऑक्सीजन की आवश्यकता और थकान को दूर करना है. जब हम थकान महसूस करते हैं या नींद की कमी होती है, तब हमारा शरीर खुद को जगाने के लिए जम्हाई लेने लगते हैं.
दूसरों की जम्हाई का असर
जब हम किसी और को जम्हाई लेते देखते हैं, तो हमारा दिमाग स्वाभाविक रूप से मिरर न्यूरॉन्स (mirror neurons) की मदद से उसी व्यवहार को दोहराने लगता है. यह सहानुभूति और सामाजिक कनेक्शन का एक हिस्सा है.
1. सहानुभूति का संकेत: शोध बताते हैं कि दूसरों की जम्हाई देखकर हम भी जम्हाई लेने लगते हैं, यह हमारे दिमाग की सामाजिक सहानुभूति क्षमता से जुड़ा है.
2. समूह में थकान को साझा करना: यह भी माना जाता है कि जम्हाई लेना समूह में थकान और नींद की स्थिति को साझा करने का तरीका है.
3. मस्तिष्क की थर्मल रीगुलेशन प्रक्रिया: जम्हाई लेने से मस्तिष्क का तापमान नियंत्रित होता है और दिमाग सक्रिय रहता है.
रोचक तथ्य
अनुसंधान से पता चला है कि जम्हाई सबसे ज्यादा तब आती है जब हम परिवार या दोस्तों को देख रहे होते हैं, क्योंकि मिरर न्यूरॉन्स और सहानुभूति की भावना अधिक मजबूत होती है. केवल इंसानों में ही नहीं, बल्कि कुछ जानवरों जैसे बंदर और कुत्तों में भी दूसरों की जम्हाई देखकर खुद जम्हाई लेना देखा गया है.
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