PollutionEffect:दिल्लीएनसीआर समेत देश के अधिकतर हिस्से बढ़े हुए प्रदूषण की चपेट में है. बीते कुछ दिनों पहले दिल्ली में एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया. बढ़ते पॉल्यूशन और स्मॉग के कारण आंखों में जलन, खुजली, लालिमा और पानी आना आम समस्या बन गई है. खासकर शहरों में रहने वाले लोग, बाइक/कार से रोजाना सफर करने वाले और स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने वालों को यह दिक्कत ज्यादा होती है. आयुर्वेद में आंखों की देखभाल के लिए कुछ ऐसे आसान और प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जो पॉल्यूशन के असर से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं.
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पॉल्यूशन से आंखों में जलन क्यों होती है?
हवा में मौजूद धूल, धुआं और केमिकल्स आंखों की नमी को कम कर देते हैं, इससे आंखों में ड्राईनेस बढ़ती है और जलन, खुजली जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं.
आयुर्वेदिक तरीके
त्रिफला जल से आंख धोना– त्रिफला आयुर्वेद की एक प्रसिद्ध औषधि है, रात में त्रिफला पाउडर पानी में भिगो दें और सुबह उसे छानकर आंखों को धोएं, इससे जलन और लालिमा में राहत मिल सकती है.
गुलाब जल का इस्तेमाल– शुद्ध गुलाब जल को रूई की मदद से आंखों पर रखें, यह आंखों को ठंडक देता है और पॉल्यूशन से हुई जलन को शांत करने में मदद करता है.
ठंडे पानी से आंखें धोना– दिन में 2–3 बार ठंडे और साफ पानी से आंखें धोना फायदेमंद माना जाता है, इससे आंखों में जमा धूल-मिट्टी निकल जाती है.
घी का प्रयोग– आयुर्वेद के अनुसार, सोने से पहले पैरों के तलवों पर देसी घी लगाने से आंखों की जलन और ड्राईनेस कम हो सकती है.
आंवला का सेवन– आंवला आंखों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है, आंवला जूस या आंवला पाउडर का नियमित सेवन आंखों की सेहत को बेहतर बना सकता है.
रखें ये सावधानियां
बाहर निकलते समय सनग्लास या प्रोटेक्टिव चश्मा पहनें, आंखों को बार-बार गंदे हाथों से न छुएं, मोबाइल और लैपटॉप से ब्रेक लेते रहें, पर्याप्त नींद लें और पानी ज्यादा पिएं.
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