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फर्श पर बैठकर खाना खाने के हैरान कर देने वाले फायदे!

भारत में फर्श पर बैठकर खाना खाने की परंपरा सदियों पुरानी है, दादी-नानी हमेशा कहती थीं — “बेटा, फर्श पर बैठकर खाना चाहिए. इससे शरीर और मन दोनों को लाभ होता है.” आज विज्ञान भी इस परंपरा की सच्चाई को मान चुका है, फर्श पर बैठने की यह साधारण सी आदत न सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखती है, बल्कि मानसिक शांति भी देती है.

फर्श पर बैठकर खाना खाने ये है फायदे

बेहतर पाचन — शरीर खुद करता है तैयारी
जब आप फर्श पर पालथी मारकर बैठते हैं, तो आपका शरीर “सुखासन” मुद्रा में आ जाता है, इससे पेट के आसपास की मांसपेशियां हल्के दबाव में आती हैं. जो पाचन क्रिया को सक्रिय करती हैं और भोजन जल्दी व बेहतर तरीके से पचता है, साथ ही यह मुद्रा ओवरईटिंग से भी बचाती है, क्योंकि बैठकर खाने पर आप भोजन पर अधिक ध्यान देते हैं.

रीढ़ की हड्डी और पोस्चर के लिए फायदेमंद
फर्श पर सीधा बैठकर खाने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है, जिससे पोश्चर सुधरता है, कुर्सी पर झुककर खाने की तुलना में यह मुद्रा कमर दर्द और गर्दन की जकड़न से भी राहत देती है. नियमित रूप से इस तरह बैठने से शरीर की लचीलापन और संतुलन बढ़ता है.

ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
फर्श पर बैठने की मुद्रा में शरीर के निचले हिस्सों में रक्त का प्रवाह संतुलित रहता है, इससे हृदय पर दबाव कम पड़ता है, और शरीर को ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर मिलती है. यह मुद्रा हृदय रोग और थकान को दूर करने में भी सहायक है.

मन को शांति और ध्यान की अनुभूति
फर्श पर बैठकर खाना खाने से शरीर और मन दोनों शांत होते हैं, यह मुद्रा योग की ध्यान मुद्रा जैसी होती है, जो तनाव घटाने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करती है. जब आप फर्श पर बैठते हैं, तो खाने के साथ एक सकारात्मक ऊर्जा और कृतज्ञता का भाव भी जुड़ता है.

धरती से जुड़ाव — ग्राउंडिंग इफेक्ट
फर्श पर बैठना यानी धरती के संपर्क में आना, धरती की प्राकृतिक ऊर्जा शरीर में प्रवेश करती है, जो तनाव कम करने और ऊर्जा संतुलित करने में सहायक होती है, इसे आधुनिक विज्ञान में ग्राउंडिंग (Earthing) कहा जाता है.

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