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खर्राटे रोकने के 5 घरेलू उपाय, क्या कहते है एक्सपर्ट

सर्दियों में ज्यादातर लोगों को तेज खर्राटों की समस्या बढ़ जाती है. घर के सदस्य अक्सर इसे एक साधारण आदत या थकान का नतीजा समझते हैं, लेकिन नींद विशेषज्ञों का कहना है कि जोरदार और बार-बार आने वाले खर्राटे शरीर में ऑक्सीजन की कमी और ‘स्लीप एपनिया’ जैसी बीमारी का संकेत हो सकते हैं. अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह समस्या दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और लगातार थकान का कारण बन सकती है.

Dr. Akshay Budhraja बताते हैं कि यदि खर्राटे तेज हों, या नींद के दौरान सांस रुकने / अटकने जैसी स्थिति हो, तो यह Obstructive Sleep Apnea (OSA) जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

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ये 5 घरेलू उपाय

सोने की पोजीशन बदलें
पीठ के बल सोने वाले लोगों में खर्राटे ज्यादा आते हैं, क्योंकि जीभ और गले का पिछला हिस्सा हवा के रास्ते को ब्लॉक कर देता है, कोशिश करें कि आप बायीं करवट सोएं, इससे एयरवे खुला रहता है और खर्राटे कम होते हैं.

गले और नाक की स्टीम लेें
सर्दियों में हवा शुष्क हो जाती है और नाक बंद रहने लगती है, जिससे खर्राटे बढ़ जाते हैं, रात को सोने से पहले 5–7 मिनट स्टीम लेने से नाक के रास्ते खुलते हैं, सांस आसानी से आती है, खर्राटों में तुरंत राहत मिलती है.

वजन कंट्रोल रखें
नींद विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक वजन बढ़ने पर गले में आसपास की चर्बी बढ़ जाती है, जो एयरवे को संकरा कर देती है. वजन थोड़ा भी कम होगा तो खर्राटों में बड़ा अंतर आएगा, खासकर गर्दन के आसपास की चर्बी कम होना महत्वपूर्ण है.

रात में दूध में हल्दी/शहद न लें
बहुत से लोग रात में हल्दी वाला दूध या गर्म दूध पीते हैं, लेकिन कई मामलों में इससे बलगम बढ़ता है और नाक बंद हो सकती है. रात को डेयरी उत्पाद कम लें, यदि लेना हो तो हल्का गुनगुना पानी बेहतर है.

नाक को रोजाना नमक वाले गुनगुने पानी से साफ करें
इसे ‘नेति’ या ‘सलाइन वॉश’ कहते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार सर्दियों में जमा धूल, एलर्जी और कफ नाक के अंदर सूजन इन सबकी वजह से खर्राटे बढ़ते हैं, नाक को सलाइन वॉश से साफ करने पर सांस का रास्ता खुल जाता है और खर्राटे तेजी से कम होते हैं.

कब डॉक्टर से संपर्क करें?
ये लक्षण दिखें तो तुरंत जांच जरूरी है. नींद में बार-बार सांस रुकना, सुबह सिरदर्द, दिन भर नींद आना, रात में जोरदार खर्राटे, सांस रुकने जैसा अहसास, ये स्लीप एपनिया के संकेत हो सकते हैं, जिसे बिना इलाज छोड़ा जाए तो यह हाई BP और हार्ट रोग का कारण बन सकता है.

एक्सपर्ट की राय
Dr. Prakhar Gupta कहते हैं कि मोटे लोगों में गर्दन के आसपास की चर्बी खर्राटों का एक प्रमुख कारण हो सकता है. जब गले की मांसपेशियां सोते समय ढीली पड़ जाती हैं, और जीभ पीछे जाती है, तो एयर पासेज संकुचित हो जाते हैं, जिससे जोरदार खर्राटे और सांस की समस्या होती है.

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