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तारे Twinkle क्यों हैं? सच जानकर चौंक जाएंगे!

Knowledge Tips: रात का आसमान देखने में जितना खूबसूरत लगता है, उतना ही रहस्यमय भी है. आप जब भी ऊपर देखते हैं, तारे कभी ज्यादा चमकते दिखते हैं, कभी धुंधले, मानो वे आंख-मिचौली खेल रहे हों. लेकिन क्या तारे सच में टिमटिमाते हैं? इसका जवाब “नहीं” है तारे टिमटिमाते नहीं, बल्कि ऐसा हमें धरती की हवा की वजह से दिखता है.

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खगोल वैज्ञानिक बताते हैं कि अंतरिक्ष में आने वाली तारे की रोशनी जब पृथ्वी के वायुमंडल की कई परतों से गुजरती है, तो हवा की गति, तापमान और घनत्व लगातार बदलते रहते हैं, इन बदलावों के कारण रोशनी की दिशा हल्की-सी मुड़ती है, यही वजह है कि तारे कभी ज़्यादा चमकीले, कभी कम चमकीले दिखाई देते हैं.

कैसे बनता है टिमटिमाने का प्रभाव?
तारे की रोशनी धरती तक सीधी नहीं आती, हवा की अलग-अलग परतें उसे “झटका” देती हैं. रोशनी कभी तेज, कभी मंद दिखाई देती है, हमें लगता है कि तारा टिमटिमा रहा है, इसे Atmospheric Scintillation कहते हैं. दिलचस्प बात यह है कि आसमान में सबसे चमकीला ग्रह शुक्र (Venus) अक्सर टिमटिमाता नहीं दिखता, क्योंकि वह पृथ्वी के ज्यादा पास है और उसकी रोशनी ज्यादा स्थिर पहुंचती है.

क्या बड़े तारे ज्यादा टिमटिमाते हैं?
हाँ, दूर स्थित तारे ज्यादा टिमटिमाते दिखाई देते हैं, क्योंकि उनकी रोशनी वायुमंडल की परतों से गुजरते हुए ज्यादा प्रभावित होती है. वहीं, ग्रहों की रोशनी ज्यादा स्थिर होती है, इसलिए वे कम कांपते हुए नजर आते हैं. रात के आसमान को देखने का सही समय खगोल विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि साफ और स्थिर मौसम में तारे कम टिमटिमाते दिखते हैं. बादल, धुंध और तेज़ हवा होने पर टिमटिमाहट ज्यादा बढ़ जाती है.

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