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Bihar के पहले मुख्यमंत्री कौन थे? जानिए

Bihar first chief minister: भारत के इतिहास और बिहार की राजनीति में एक नाम हमेशा गर्व से लिया जाता है, श्री कृष्ण सिंह, जिन्हें प्यार से “श्री बाबू” भी कहा जाता है. वे बिहार के पहले मुख्यमंत्री थे और राज्य की प्रशासनिक व सामाजिक संरचना को मजबूत करने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही.

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कौन थे बिहार के पहले मुख्यमंत्री?
बिहार के गठन के बाद, 20वीं सदी के शुरुआती वर्षों में राज्य की राजनीति में कई दिग्गज नेताओं का उभार हुआ, जिनमें श्री कृष्ण सिंह एक चमकता नाम थे, उन्होंने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत में बिहार के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उनका कार्यकाल इतना प्रभावशाली था कि वे 1961 तक लगातार मुख्यमंत्री पद पर बने रहे, जो किसी भी भारतीय राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेताओं में से एक है.

श्री कृष्ण सिंह की खास उपलब्धियां
जमींदारी प्रथा समाप्त करने में प्रमुख भूमिका- उन्होंने बिहार से जमींदारी सिस्टम खत्म करने की महत्वपूर्ण शुरुआत की, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली.

औद्योगिक विकास की नींव- उनकी सरकार ने चीनी, माइनिंग, सिंचाई और स्टील सेक्टर में कई बड़े फैसले लिए, जिससे बिहार औद्योगिक मानचित्र पर उभरा.

शिक्षा सुधार- उन्होंने शिक्षा को राज्य की प्राथमिकता बनाया, जिसके तहत कई स्कूल और कॉलेज खोले गए.

सामाजिक सौहार्द का प्रतीक- श्री बाबू को सभी समुदायों को एकजुट करने के लिए भी याद किया जाता है.

डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बेहद करीबी
श्री कृष्ण सिंह, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सहयोगी और विश्वासी साथी थे, दोनों बिहार के सामाजिक सुधारों में एक साथ सक्रिय रहे, यह जोड़ी बिहार की पहचान बदलने के लिए हमेशा याद की जाती है.

क्यों आज भी उनका नाम लिया जाता है?
आज जब बिहार विकास, राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक मुल्यों की बात करता है, तो श्री कृष्ण सिंह का नाम सबसे पहले आता है, उन्होंने बिहार की नींव सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी मजबूत की.

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