Knowledge Tips: भारत में सुनामी का नाम लेते ही याद आता है 26 दिसंबर 2004 वह दिन जब हिंद महासागर में आए भीषण समुद्री भूकंप ने कई देशों के साथ भारत के तटीय इलाकों को भी तबाह कर दिया. यह आपदा भारत के इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक त्रासदियों में से एक मानी जाती है.
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2004 की सुनामी: क्या हुआ था?
26 दिसंबर 2004 की सुबह इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पास समुद्र की गहराई में 9.1 रिक्टर स्केल का भीषण भूकंप आया, इसके कुछ ही मिनटों में तेजी से उठी समुद्री लहरें सुनामी का रूप लेकर भारत के तटों की ओर बढ़ीं.
भारत के किन राज्यों पर पड़ा सबसे ज्यादा असर?
सुनामी की सबसे अधिक मार इन भारतीय क्षेत्रों पर पड़ी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु (चेन्नई, नागपट्टिनम), आंध्र प्रदेश, केरल, पुडुचेरी सबसे ज्यादा तबाही तमिलनाडु के नागपट्टिनम में हुई.
कितना हुआ था नुकसान?
हजारों लोग लापता हो गए, लाखों लोग बेघर, समुद्री तटवर्ती इलाकों की पूरी बस्तियां खत्म, मछुआरों की नावें, घर, खेती सब नष्ट हो गया. अंडमान के कई द्वीपों का भूगोल तक बदल गया, भारत में 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जबकि दुनिया भर में यह संख्या 2.3 लाख से अधिक थी.
इतिहास की सबसे भयावह प्राकृतिक आपदाओं में से एक
2004 की यह सुनामी न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतावनी साबित हुई, इसके बाद भारत में अत्याधुनिक सुनामी वार्निंग सिस्टम, सैटेलाइट मॉनिटरिंग और तटीय सुरक्षा उपाय तेजी से विकसित किए गए.
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