नवरात्रि के पावन अवसर पर मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दौरान घर और मंदिरों में अखंड ज्योत जलाने की परंपरा है. धार्मिक मान्यता है कि यह ज्योत केवल एक दीपक नहीं, बल्कि शक्ति, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है. अखंड ज्योत जलाने से न केवल माता रानी की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि घर का वातावरण भी सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है.
अखंड ज्योत का धार्मिक महत्व
शास्त्रों में दीपक को अज्ञानता दूर करने और ज्ञान का प्रतीक माना गया है. नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाने का अर्थ है अंधकार पर प्रकाश की जीत और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय. कहा जाता है कि जिस घर में अखंड ज्योत जलती है, वहां नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती.
घर में बनता है पॉजिटिव माहौल
1. शांति और सुकून: अखंड ज्योत की लौ मन और मस्तिष्क को शांत करती है.
2. पॉजिटिव एनर्जी: लौ से निकलने वाली ऊर्जा घर के वातावरण को सकारात्मक बनाती है.
3. सुरक्षा का प्रतीक: मान्यता है कि अखंड ज्योत से घर पर देवी मां का संरक्षण बना रहता है.
4. संपन्नता का वास: घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और कष्ट दूर होते हैं.
अखंड ज्योत जलाने के नियम
ज्योत हमेशा शुद्ध घी या सरसों के तेल से जलानी चाहिए, इसे मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के पास रखना चाहिए, ज्योत को बुझने न दें, यदि लौ कम हो रही हो तो तुरंत तेल/घी डालें, अखंड ज्योत की देखभाल भक्तिभाव और नियमपूर्वक करनी चाहिए.
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