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मंदिर में हो रही हैं ये 5 गलतियां और आपके House में रुक गई है बरकत

घर में मंदिर होना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा, शांति और सुख–समृद्धि का द्वार खोलता है, लेकिन कई बार लोग अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो न सिर्फ मंदिर की पवित्रता को प्रभावित करती हैं बल्कि घर की बरकत, रिश्तों की मिठास और मानसिक शांति पर भी असर डाल सकती हैं. वास्तु और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा स्थान में छोटी सी लापरवाही भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, यहां जानिए वे 5 आम गलतियां, जिनकी वजह से आपके घर की खुशहाली रुक सकती है.

ये हैं 5 गलतियां

मंदिर में टूटी-फूटी या धूल से भरी मूर्तियां रखना
कई घरों में लोग सालों तक पुराने, धूल भरे या टूटे हुए भगवान की मूर्तियां रखे रहते हैं. वास्तु के अनुसार, टूटी हुई मूर्तियां घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं और मन में अस्थिरता पैदा करती हैं, इन्हें तुरंत हटा दें और नदी में विसर्जित करें या किसी मंदिर में उचित स्थान पर रखें.

मंदिर में जलाई गई पुरानी अगरबत्ती या दीपक की राख छोड़ना
अगरबत्ती का बचा हुआ काला कचरा और दीपक की राख कई दिनों तक मंदिर में जमा रहती है, यह मंदिर की शुद्धता को कम करता है और घर में उदासी व तनाव का माहौल बनाता है, रोजाना मंदिर की सफाई करें और राख व बचा हुआ कचरा तुरंत हटा दें.

मंदिर के पास जूते–चप्पल या गंदे कपड़े रखना
कई लोग सुविधा के लिए मंदिर के पास वस्त्र, बैग या जूते रख देते हैं, लेकिन यह गंभीर भूल है, जूते-चप्पल की नकारात्मक ऊर्जा पूजा स्थल की सकारात्मक शक्ति को कमजोर कर देती है, मंदिर के आसपास हमेशा स्वच्छ और खाली जगह रखें.

भगवान के सामने पानी या प्रसाद देर तक रखा रहना
पुराना जल, अधूरा भोग या बासी प्रसाद मंदिर में रखना अशुभ माना गया है, इससे घर में रुकावटें, मन में बेचैनी और आर्थिक नुकसान तक हो सकता है, ताजे जल और ताजे प्रसाद का ही उपयोग करें.

मंदिर को अंधेरा रखना या नियमित दीपदान न करना
मंदिर में रोशनी का रहना बहुत जरूरी है, अंधेरा घर की ऊर्जा को कम करता है और नेगेटिव वाइब्स बढ़ाता है, रोज सुबह-शाम दीपक जलाने से शांति, स्थिरता और समृद्धि बढ़ती है.

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