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दिवाली 2025: पूजा में कपड़े की बाती जलाना क्यों माना गया है अपशकुन?

दीपावली का पर्व खुशियों, रोशनी और समृद्धि का प्रतीक है, हर घर में दीपक जलाए जाते हैं और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. लेकिन विशेषज्ञों और शास्त्रों के अनुसार, दिवाली पर कपड़े की बाती से दीया जलाना शुभ नहीं माना जाता, इसे जलाने से घर में धन और सुख की कमी आ सकती है और अपशकुन माना जाता है.

कपड़े की बाती क्यों अपशकुन मानी जाती है?
शास्त्रों के अनुसार, कपड़े की बाती जल्दी जलकर जलने में अस्थिर रहती है, जिससे दीया की रोशनी धुंधली हो जाती है. यह स्थिर दीपक का महत्व घटा देती है और धन-संपत्ति और सुख-शांति में बाधा डाल सकती है. कपड़े की बाती जलाते समय धुआँ अधिक निकलता है, जो घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलाता है. पुरानी मान्यता है कि जो लोग दिवाली पर कपड़े की बाती जलाते हैं, उनका धन वर्षा कम होती है और घर में आर्थिक संकट आ सकता है.

दीया जलाने के सही उपाय
घी या सरसों के तेल का प्रयोग करें: शुद्ध तेल से जलाया गया दीपक लंबे समय तक जलता है और सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है.
साबूत बाती का उपयोग करें: यह दीये में सही ढंग से जलती है और रोशनी स्थिर रहती ह.
दीपक की दिशा सही रखें: पूर्व या उत्तर दिशा में दीपक रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
पूजा स्थल को साफ रखें: दीपक जलाने से पहले पूजा स्थान और आसपास को स्वच्छ करना जरूरी है.
मंत्रों का उच्चारण करें: दीपक जलाते समय “ॐ श्रीं ह्रीं लक्ष्म्यै नमः” का जाप शुभ माना जाता है.

अन्य टिप्स
कपड़े की बाती से बचें, चाहे वह नया या पुराना हो, दीपक को हमेशा स्थिर स्थान पर रखें ताकि वह झूलते हुए न बुझे, घर में दीपक जलाने के साथ-साथ अच्छे कर्म और भक्ति भाव भी आवश्यक हैं.

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