Shivling Plant Pot: हिंदू धर्म में भगवान शिव का शिवलिंग स्वरूप अत्यंत पवित्र, जागृत और पूजनीय माना गया है, शिवलिंग की पूजा को घर की शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि और पॉजिटिव एनर्जी से जोड़कर देखा जाता है. क्या घर में गमले में शिवलिंग रखना शुभ है या अशुभ? धार्मिक मान्यताओं और पुरानी परंपराओं के मुताबिक इसका जवाब कई लोगों को चौंका सकता है.
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क्या कहती हैं धार्मिक मान्यताएं?
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग को हमेशा स्वच्छ, पवित्र और समतल स्थान पर स्थापित करने का नियम है. गमला मिट्टी, पानी, खाद और जड़ों से भरा होता है, जिसे पूजा की दृष्टि से अशुद्ध माना गया है. इसी वजह से पूजा-पाठ में उपयोग होने वाले शिवलिंग को गमले या किसी भी ऐसे पात्र में रखना अनुचित और अशुभ माना जाता है.
कई पंडितों और धार्मिक विद्वानों का मानना है कि गमले में शिवलिंग रखना शैव धर्म की परंपरा के विरुद्ध है, इससे पूजा की पवित्रता भंग होती है और यह घर की सकारात्मक ऊर्जा को भी बाधित कर सकता है.
क्या यह वास्तु दृष्टि से भी गलत है?
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार शिवलिंग एक अत्यधिक ऊर्जावान और सक्रिय ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, अगर इसे गलत स्थान या गलत तरीके से रखा जाए तो घर में तनाव, आर्थिक रुकावट और मानसिक अस्थिरता जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं. गमला स्वाभाविक रूप से मिट्टी से भरा होता है, जो शिवलिंग के ऊर्जा प्रवाह को रोक देता है, इसलिए वास्तु के अनुसार भी इसे गमले में रखने की मनाही है.
क्या पौधों के साथ शिवलिंग रखना ठीक है?
कुछ लोग पौधों के बीच शिवलिंग रखने को “नेचर कनेक्ट” का प्रतीक मानते हैं, लेकिन धार्मिक दृष्टि से ऐसा करना उचित नहीं है. पौधों की मिट्टी, सूखे पत्ते और कीड़े-मकौड़े इसे अपवित्र बना देते हैं, जो पूजा के नियमों के विरुद्ध है.
क्या करें अगर शिवलिंग घर में स्थापित करना हो?
शिवलिंग को घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में, लकड़ी या पत्थर के समतल आसन पर स्वच्छ जल और फूलों के साथ और सही नियमों के अनुसार स्थापित करना चाहिए. साथ ही घर पर रखा शिवलिंग हमेशा छोटे आकार और पूजा योग्य होना चाहिए.
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