आजकल के मॉडर्न घरों में अटैच्ड बाथरूम ट्रेंड बन चुके हैं. सुविधाजनक, प्राइवेट और स्पेस को बेहतर बनाने वाले ये बाथरूम ज्यादातर लोग पसंद करते हैं. लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार इनके कुछ नियम हैं, जिन्हें न मानने पर घर में नकारात्मक ऊर्जा, झगड़े, आर्थिक नुकसान और स्वास्थ्य से जुड़े समस्याएँ बढ़ सकती हैं.
क्या अटैच बाथरूम अशुभ होता है?
वास्तु के अनुसार बाथरूम वह जगह है जहां अशुद्ध ऊर्जा रहती है, अगर यह गलत दिशा में बना हो तो यह ऊर्जा बेडरूम तक पहुंचकर माहौल खराब कर सकती है, लेकिन अगर सही दिशा व नियम का ध्यान रखा जाए तो अटैच बाथरूम बिल्कुल भी अशुभ नहीं होता.
वास्तु के अनुसार अटैच बाथरूम की सही दिशा
पश्चिम (West) – बाथरूम बनाने की सबसे उत्तम दिशा
उत्तर-पश्चिम (North-West) – अटैच्ड व कॉमन बाथरूम के लिए अच्छी दिशा
दक्षिण (South) – विकल्प के तौर पर ठीक
उत्तर-पूर्व (North-East) – सबसे अशुभ, इससे घर में मानसिक तनाव, आर्थिक रुकावटें
ब्रह्मस्थान (Centre) – बिल्कुल नहीं होना चाहिए
बेडरूम के अंदर बाथरूम के लिए जरूरी वास्तु नियम
बाथरूम का दरवाजा बंद रखें, टॉयलेट सीट हमेशा पश्चिम या उत्तर-पश्चिम की ओर हो, बाथरूम का फ़्लोर कम से कम 1–2 इंच नीचे होना चाहिए. बाथरूम की खिड़की/वेंटिलेशन बड़ा हो, गीजर, वॉशिंग मशीन, मोटर — दक्षिण-पूर्व (SE) में रखें, बाथरूम की खराब पाइपलाइन कभी न छोड़ें, इससे धन हानि होती है.
गलत अटैच बाथरूम के नकारात्मक प्रभाव
पति-पत्नी के रिश्तों में तनाव, मानसिक अस्थिरता और बेवजह गुस्सा, बार-बार बीमारी, फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स, घर में नेगेटिव वाइब, (यह जानकारी पारंपरिक वास्तु मान्यताओं पर आधारित है.)
वास्तु उपाय (अगर बाथरूम गलत दिशा में है)
बाथरूम दरवाज़े पर ब्राउन/क्रीम रंग का पर्दा लगाएं, लगातार एग्जॉस्ट फैन का उपयोग करें, नमक का कटोरा बाथरूम में रखें (हर 7 दिन में बदलें), मोकुराज, स्पाइडर प्लांट जैसे पौधे लगाएं, नियमित सफाई करें और लाइटिंग bright रखें.
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