अयोध्या में राम मंदिर के पास हाल ही में गिलहरी की एक मूर्ति स्थापित की गई है. यह मूर्ति देख कर कई लोग हैरान हैं और पूछते हैं कि आखिर क्यों गिलहरी को इतनी प्रतिष्ठित जगह दी गई. इसका जवाब रामायण की कथाओं में छिपा है.
गिलहरी का रामायण में योगदान
रामायण में जब भगवान राम, लक्ष्मण और सीता का वनवास चल रहा था, तब वन के कई जीव-जंतु उनके साथ सहयोग करते थे. उनमें गिलहरी का योगदान भी उल्लेखनीय है.
1. सूचना देने वाली भूमिका- गिलहरी ने राम और उनके साथियों को महत्वपूर्ण सूचनाएँ देने में मदद की। यह छोटे-छोटे परंतु सतर्क जीव वन में आने वाले खतरों से सतर्क करते थे.
2. सामग्री इकट्ठा करना- कुछ कथाओं में गिलहरियों ने राम के लिए आवश्यक वस्तुएँ इकट्ठा करने में मदद की, जैसे भोजन या सुरक्षा के लिए छोटे साधन.
3. वन्य जीवन का प्रतिनिधित्व- गिलहरी मूर्ति यह भी दिखाती है कि वन्य जीवन और जीव-जंतु रामायण की कथा में कितने अहम थे. हर जीव ने भगवान राम की सहायता में अपनी भूमिका निभाई.
अयोध्या में मूर्ति स्थापित करने का महत्व
1. यह मूर्ति श्रद्धालुओं को वन्य जीवन और प्रकृति के महत्व की याद दिलाती है.
2. यह रामायण के कथानक को जीवंत करने का एक तरीका है, ताकि लोग जान सकें कि भगवान राम को वनवास के दौरान किस-किस जीव ने सहयोग किया.
3. मूर्ति का स्थान राम मंदिर के पास इसलिए चुना गया ताकि भक्त इसे देख सकें और रामायण की कथाओं को याद कर सकें.
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