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छोटी दिवाली पर नारियल चढ़ाने से क्यों प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी? जानिए रहस्य!

छोटी दिवाली पर नारियल चढ़ाने से क्यों प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी

धनतेरस से दीपोत्सव की शुरुआत हो चुकी है. आज छोटी दिवाली है. इस दिन भगवान हनुमान और मां काली का पूजन किया जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की भी पूजा होती है. इस दिन शाम के समय मां लक्ष्मी के पूजन का विधान भी धर्म शास्त्रों में है. दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी न केवल अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का विशेष दिन भी मानी जाती है, इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ नारियल चढ़ाने की परंपरा का विशेष महत्व बताया गया है.

नारियल का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
हिंदू धर्म में नारियल को “श्रीफल” कहा गया है, जिसका अर्थ है — “शुभ फल.” शास्त्रों के अनुसार, नारियल को पवित्रता, समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना गया है. यह त्रिदेव — ब्रह्मा, विष्णु और महेश — का प्रतीक भी है, इसलिए इसे देवी-देवताओं को चढ़ाने से सभी कार्य सफल होते हैं और दुर्भाग्य दूर होता है.

छोटी दिवाली पर नारियल चढ़ाने का कारण
कहा जाता है कि छोटी दिवाली की रात अगर श्रद्धा और शुद्ध मन से नारियल मां लक्ष्मी के चरणों में चढ़ाया जाए, तो घर में धन, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. नारियल का ऊपरी कठोर छिलका अहंकार और नकारात्मकता का प्रतीक है, इसे तोड़कर अर्पित करने का अर्थ है — अहंकार त्यागकर भक्ति भाव से समर्पण करना, शास्त्रों में कहा गया है कि यह कर्म मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है, और ऐसा करने वाले भक्त पर वह अपार कृपा बरसाती हैं.

कैसे करें नारियल का शुभ उपाय?
छोटी दिवाली की शाम शुद्ध जल से स्नान करें, पूर्व दिशा की ओर मुंह करके मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें, एक शुद्ध, बिना फटा हुआ नारियल लें और उस पर रोली, चावल व फूल चढ़ाएं, दीप जलाकर “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 11 बार जाप करें, पूजा के बाद नारियल को मंदिर या घर के पूजा स्थान पर रखें.

आखिर में क्या फल मिलता है?
मान्यता है कि इस विधि से कर्ज से मुक्ति, धन की वृद्धि, और घर में स्थायी समृद्धि प्राप्त होती है, साथ ही घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर सकारात्मकता का संचार होता है.

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