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रमा एकादशी पर क्या करें क्या न करें — जानिए कौन से कर्म लाते हैं मां लक्ष्मी की कृपा

RamaEkadashi2025

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की आराधना के लिए सबसे शुभ माना गया है. सालभर में आने वाली 24 एकादशियों में कार्तिक मास की एकादशी तिथि को मनाई जाने वाली रमा एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस साल यह शुभ व्रत आज यानी 17 अक्टूबर, 2025 को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और धन की प्राप्ति होती है.

रमा एकादशी का महत्व
रमा एकादशी को “धन की देवी” मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का विशेष दिन माना गया है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ माता लक्ष्मी की आराधना करने से घर में स्थायी सुख-शांति और समृद्धि आती है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से व्रत रखता है, उसे जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है.

रमा एकादशी पर क्या करें
व्रत और उपवास रखें — इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करें.
पीत वस्त्र धारण करें — पीले या हल्के रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.
श्रीहरि विष्णु के नाम का जाप करें — “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप लाभकारी होता है.
दान-पुण्य करें — जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें.
दीपदान करें — शाम को घर के द्वार पर दीप जलाना शुभ माना जाता है, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.

रमा एकादशी पर क्या न करें
अन्न ग्रहण न करें — व्रत के दौरान अन्न, मांस, प्याज, लहसुन आदि से परहेज करें.
क्रोध या झूठ न बोलें — इस दिन मन को शांत रखें और किसी से विवाद न करें.
नींद और आलस्य से बचें — इस दिन पूरा दिन ईश्वर भक्ति में व्यतीत करना श्रेष्ठ माना गया है.
कटु वचन न बोलें — किसी के प्रति बुरा सोचने या अपशब्द कहने से व्रत का पुण्य कम हो जाता है.
रात्रि में नकारात्मक बातें न करें — इस दिन भगवान विष्णु की कथा सुनना और ध्यान लगाना अत्यंत लाभदायक होता है,

रमा एकादशी व्रत का फल
पौराणिक मान्यता है कि जो व्यक्ति रमा एकादशी का व्रत पूर्ण विधि से करता है, उसके घर में कभी धन की कमी नहीं होती. यह व्रत व्यक्ति के जीवन से दुःख, दरिद्रता और रोगों को दूर करता है, साथ ही यह व्रत मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर माना गया है.

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