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मरने से पहले शरीर में होते हैं ये 5 बदलाव, गरुड़ पुराण में इसका उल्लेख

गरुड़ पुराण, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ, मृत्यु और आत्मा के सफर का वर्णन करता है. इसमें मृत्यु से पहले शरीर और मन में होने वाले संकेतों का भी जिक्र है. ये संकेत हर व्यक्ति को उसकी अंतिम यात्रा के करीब आने का संदेश देते हैं.

मरने से पहले शरीर में होने वाले 5 प्रमुख बदलाव

शारीरिक ऊर्जा का कमजोर होना
मृत्यु के निकट, शरीर की ऊर्जा धीरे-धीरे कम होने लगती है. व्यक्ति को सामान्य से अधिक थकान, कमजोरी और आलस महसूस होता है.

सांस लेने की गति में बदलाव
गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि मृत्युपूर्व सांस लेने की गति अनियमित हो जाती है. कभी तेजी से और कभी धीरे-धीरे सांस आती है.

आंखों और दृष्टि में परिवर्तन
अंतिम समय में व्यक्ति की आंखों में चमक कम हो जाती है. देखने और समझने की क्षमता धीमी हो जाती है, और आँखें अक्सर आधी खुली रहती हैं.

शरीर का ठंडा होना और रंग बदलना
मृत्यु से पहले शरीर का तापमान कम होने लगता है. हाथ-पांव ठंडे हो जाते हैं और त्वचा का रंग हल्का पीला या फीका पड़ सकता है.

मानसिक शांति और सांसारिक चिंताओं से दूरी
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के करीब व्यक्ति मानसिक रूप से शांत हो जाता है. सांसारिक चिंताओं और इच्छाओं से धीरे-धीरे दूरी बनने लगती है.

गरुड़ पुराण का संदेश
गरुड़ पुराण बताता है कि ये बदलाव सामान्य हैं और मृत्यु के प्राकृतिक क्रम का हिस्सा हैं. यह ग्रंथ परिवार और समाज को भी चेतावनी देता है कि अंतिम समय में शांत और संयमित रहना चाहिए.

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