भारतीय परंपरा और शास्त्रों में पितरों (पूर्वजों) का सम्मान करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. हालांकि, घर में उनकी तस्वीर लगाने का तरीका सही नहीं होने पर अशांति, नकारात्मक ऊर्जा और महापाप जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. आइए जानते हैं क्यों यह करना गलत माना जाता है और सही तरीका क्या है.
घर में पितरों की तस्वीर लगाने की समस्या
1. नकारात्मक ऊर्जा का संचार:
घर में पितरों की तस्वीर गलत स्थान पर रखने से नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है। यह मानसिक तनाव, घर में कलह और मानसिक अशांति का कारण बन सकता है.
2. पारंपरिक मान्यता:
शास्त्रों के अनुसार पितरों की तस्वीर या चित्र केवल पिंडदान और तर्पण की जगह पर रखना चाहिए, इसे लिविंग रूम या बेडरूम में रखना ठीक नहीं माना जाता.
3. सकारात्मक ऊर्जा में बाधा:
तस्वीरों के गलत स्थान पर रखने से घर में पॉजिटिव वाइब्स नहीं बन पातीं और परिवार के सदस्यों का मनोबल गिर सकता है.
पितरों की तस्वीर लगाने का सही तरीका
पूजन स्थल या अल्टर में रखें: पितरों की तस्वीर या चित्र को हमेशा पूजा घर या अल्टर में ही रखें, इसे घर के पूर्व या उत्तर दिशा की ओर लगाना शुभ माना जाता है.
साफ-सुथरी जगह: तस्वीर रखने से पहले उस स्थान को साफ और व्यवस्थित रखें. गंदे या अव्यवस्थित स्थान पर तस्वीर रखना अशुभ माना जाता है.
सिर के ऊपर न रखें: कभी भी पितरों की तस्वीर को सोने या बैठने की जगह के सिर के ऊपर न लगाएं, यह अशुभ और असम्मानजनक माना जाता है.
ध्यान से पूजा और तर्पण करें: तस्वीर के सामने दीपक, अगरबत्ती और नैवेद्य रखें, तर्पण या श्राद्ध के समय इस तस्वीर के सामने श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करें.
नियमित ध्यान और सफाई: तस्वीर या पूजा स्थल की नियमित सफाई और ध्यान रखें, यह सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है.