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दशहरा 2025: जानें हर राज्य में उत्सव और रीति-रिवाजों की अनोखी शैली

दशहरा 2025: जानें हर राज्य में उत्सव

दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. भारत के अलग-अलग राज्यों में इसे मनाने के तरीके में भिन्नता है, जो हर जगह की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है. आइए जानते हैं कैसे मनाते हैं लोग Dussehra 2025.

दशहरा 2025: जानें हर राज्य में कैसे मनाते हैं लोग

उत्तर भारत
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार में दशहरा विशेष रूप से रामलीला और रावण दहन के माध्यम से मनाया जाता है. बड़े-बड़े पुतले जलाए जाते हैं और जनता में खुशियों का माहौल होता है. मिठाइयों का विशेष प्रबंध और राम कथा का आयोजन किया जाता है.

पश्चिम भारत
महाराष्ट्र और गुजरात में दशहरे का त्योहार युद्ध और विजय की झलक के रूप में मनाया जाता है. गुढ़ी पड़वा और गरबा-डांडिया नाइट्स भी इस अवसर पर आयोजित होते हैं. लोग मंदिरों में विशेष पूजा और भजन करते हैं.

पूर्व भारत
पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार में इसे शारदीय नवरात्रि और दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है. दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना, पूजा और विसर्जन बड़े धूमधाम से किया जाता है. रंग-बिरंगे मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे उत्सव में चार चांद लगाते हैं.

दक्षिण भारत
तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में दशहरा को बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. मंदिरों में विशेष पूजा, कथाओं का मंचन और पारंपरिक नृत्य आयोजित किए जाते हैं. कन्नड़ और तमिल रीति में विजयनगर का उत्सव भी प्रमुख होता है.

उत्तर-पूर्व भारत
असम, मेघालय, मणिपुर में भी दशहरा उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के अनुसार अलग-अलग पूजा और मेले आयोजित होते हैं.

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