Advertisement

Dhanteras 2025: सोना और चांदी खरीदना क्यों लाता है सुख-समृद्धि

धनतेरस आने वाला है और बाजारों में रौनक लौट आई है, हर कोई सोना-चांदी या नए बर्तन खरीदने की तैयारी में है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदना शुभ क्यों माना जाता है? आइए जानते हैं इस परंपरा के पीछे की मान्यता और आधुनिक महत्व.

धनतेरस का धार्मिक महत्व
धनतेरस, दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत मानी जाती है. यह दिन धन्वंतरि देव के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्हें आयुर्वेद और चिकित्सा का देवता कहा जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन धन और स्वास्थ्य दोनों का पूजन किया जाता है.

सोना-चांदी खरीदना क्यों माना जाता है शुभ
धनतेरस के दिन सोना, चांदी या बर्तन खरीदना ‘अक्षय’ कार्य माना जाता है. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, इस दिन खरीदी गई कीमती धातुएं कभी नष्ट नहीं होतीं और परिवार में सौभाग्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आती हैं. वास्तु शास्त्र में भी कहा गया है कि धातु से जुड़ी वस्तुएं घर में लक्ष्मी का स्थायी वास बनाती हैं.

आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद
आज के दौर में सोना और चांदी सिर्फ धार्मिक प्रतीक नहीं बल्कि एक सुरक्षित निवेश भी हैं. धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी की कीमतें अक्सर बढ़ती हैं, फिर भी लोग इन्हें शुभ मानकर खरीदते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, यह न सिर्फ परंपरा बल्कि आर्थिक सुरक्षा का भी प्रतीक है.

बर्तन खरीदने की परंपरा
जिन्हें सोना या चांदी खरीदना संभव नहीं होता, वे धनतेरस के दिन पीतल या स्टील के बर्तन खरीदते हैं. कहा जाता है कि इससे घर में अन्न और धन की वृद्धि होती है. बर्तनों को खरीदते समय उनमें सामान (जैसे चावल, मिठाई या पैसे) रखना शुभ माना जाता है.

लक्ष्मी और कुबेर की पूजा का महत्व
इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व होता है।,ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति धनतेरस के दिन इन दोनों देवताओं का विधि-विधान से पूजन करता है, उसके घर में सुख, स्वास्थ्य और संपन्नता बनी रहती है.

यह भी पढ़े- मंगलवार को ऐसे करें पूजा, हनुमान जी होंगे प्रसन्न!