हिंदू धर्म में कार्तिक मास को सबसे पवित्र महीनों में से एक माना गया है, इस पूरे महीने में किए गए स्नान, पूजा, व्रत और दीपदान का विशेष महत्व बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में दीपदान करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे अपार पुण्य की प्राप्ति होती है.
दीपदान का महत्व
दीपदान का अर्थ है—भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और तुलसी माता के समक्ष दीपक जलाना, माना जाता है कि इस समय जब सूर्य दक्षिणायन होता है, तब अंधकार बढ़ने लगता है. ऐसे में दीप जलाना प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, जो जीवन से अज्ञान और पाप का अंधकार दूर करता है.
धार्मिक मान्यता
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या से पूर्णिमा तक दीपदान करने से मनुष्य को विष्णुलोक की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति गंगा, यमुना या किसी तीर्थस्थल के तट पर दीप प्रवाहित करता है, उसके सात जन्मों के पाप मिट जाते हैं.
दीपदान करने की विधि
घर में भी शाम के समय तुलसी, मंदिर और घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है. यदि संभव न हो तो किसी मंदिर या जलाशय में भी दीपदान किया जा सकता है. साथ ही मंत्र “ॐ दीपं जगतं ज्योतिर्नित्यम्” का जाप करना लाभकारी माना गया है.
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