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छठ महापर्व 2025: व्रत करने से मिलते हैं ये अद्भुत फल!

दिवाली के बाद अब छठ महापर्व की तैयारियां की जा रही हैं. छठ पूजा का ये महापर्व चार दिनों का होता है. ये महापर्व नहाय-खाय से शुरू होता है और उदयगामी सूर्य यानी उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो जाता है. छठ पूजा का महापर्व भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित किया गया है. छठ पूजा संतान के स्वास्थ्य, सफलता और लंबी उम्र की कामना के लिए है.

छठ पूजा का महत्व
छठ पर्व में भगवान सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की जाती है. मान्यता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने से शरीर में ऊर्जा, मन में सकारात्मकता और परिवार में सुख-समृद्धि आती है, यह व्रत करने वाली महिलाएं अपने परिवार की दीर्घायु और कल्याण की कामना करती हैं.

क्यों किया जाता है सूर्य देव का व्रत
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, छठी मैया भगवान सूर्य की बहन मानी जाती हैं. इस व्रत में अस्त होते सूर्य और उदय होते सूर्य दोनों को अर्घ्य देने की परंपरा है, ऐसा करने से जीवन में संतुलन बना रहता है और सभी संकट दूर होते हैं.

व्रत से मिलने वाले अद्भुत फल
स्वास्थ्य लाभ: छठ व्रत में उपवास और नियम शरीर को डिटॉक्स करते हैं, जिससे पाचन क्रिया और मानसिक शुद्धता बढ़ती है.
समृद्धि: मान्यता है कि छठी मैया की कृपा से घर में धन और अन्न की कभी कमी नहीं रहती.
पारिवारिक सुख: जो महिलाएं संतान प्राप्ति या परिवार की खुशहाली के लिए यह व्रत रखती हैं, उन्हें मनचाहा फल मिलता है.
मानसिक शांति: सूर्य उपासना से मन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल बढ़ता है.

छठ पूजा की विधि
चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, उसके बाद लोहंडा और खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य का आयोजन किया जाता है, व्रती बिना जल पिए उपवास रखकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करती हैं.

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