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Bihar Election : छठी बार मैदान में स्वीटी सिंह: क्या BJP तोड़ पाएगी किशनगंज का परंपरागत समीकरण?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है. इस सूची में किशनगंज विधानसभा सीट से स्वीटी सिंह को फिर से उम्मीदवार बनाया गया है. यह उनका छठा चुनाव है और पार्टी उन्हें इस सीट पर मजबूत दावेदार मान रही है.

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स्वीटी सिंह, 47 वर्ष, पेशे से वकील हैं और राजपूत समुदाय से आती हैं. वे लंबे समय से किशनगंज में भाजपा का प्रमुख चेहरा रही हैं और लगातार चुनावों में मजबूती से मुकाबला करती रही हैं. 2010 से अब तक हर चुनाव में उन्होंने भाजपा की उम्मीदों को मजबूत किया. हालांकि 2020 में मात्र 1,381 वोटों के अंतर से हार गई थीं, जबकि 2015 में हार का अंतर 8,609 वोट था. यह उनके जमीनी जनाधार को स्पष्ट दर्शाता है.

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किशनगंज मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, जहां कांग्रेस, राजद और एआईएमआईएम का प्रभाव माना जाता है. ऐसे में भाजपा ने स्वीटी सिंह को फिर मौका देकर गैर-मुस्लिम और विशेषकर राजपूत वोट बैंक को एकजुट करने की रणनीति अपनाई है.

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स्वीटी सिंह के पति सिकंदर सिंह भी पूर्व में किशनगंज से भाजपा विधायक रह चुके हैं, जिससे उन्हें स्थानीय राजनीति की गहरी समझ है. भाजपा का मानना है कि स्वीटी सिंह की जमीनी सक्रियता और लगातार संघर्षशील छवि उन्हें इस सीट पर मजबूत दावेदार बनाती है.

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हालांकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक होने और विपक्षी दलों की एकजुटता के चलते मुकाबला चुनौतीपूर्ण रहेगा, लेकिन पार्टी को उम्मीद है कि स्वीटी सिंह इस बार भी कड़ी चुनौती देने वाली उम्मीदवार साबित होंगी.

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किशनगंज के राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस सीट का परंपरागत समीकरण भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन स्वीटी सिंह की स्थायी लोकप्रियता और राजपूत वोट बैंक की एकजुटता पार्टी को लाभ पहुँचा सकती है.

रजी अहमद, किशनगंज.