भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार और निर्दलीय उम्मीदवार पवन सिंह अब सिर्फ अपने अभिनय और गानों की वजह से नहीं, बल्कि परिवार के राजनीतिक कदमों की वजह से सुर्खियों में हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी काराकाट विधानसभा सीट से पवन सिंह की मां को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. अगर ऐसा होता है, तो यह बिहार की राजनीति में सबसे हाई-प्रोफाइल डेब्यू साबित होगा.
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पवन सिंह हाल ही में सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना कर रहे थे, जब उन्हें मंच पर सिर झुकाते देखा गया. बाद में उन्होंने ट्वीट किया, “झुकना मेरे संस्कार में है, हार मानना नहीं.” अब यही विनम्रता उनके परिवार के लिए नई राजनीतिक ऊँचाई खोल सकती है.
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बीजेपी में पवन सिंह की वापसी और उनके परिवार की संभावित एंट्री के बाद भोजपुर, बक्सर, रोहतास और औरंगाबाद जिलों में चर्चा का एक ही विषय है—“मां आएंगी या बहू?”. 2024 के लोकसभा चुनाव में पवन ने निर्दलीय चुनाव लड़कर 2,74,723 वोट हासिल किए थे और उपेंद्र कुशवाहा जैसे दिग्गजों को कड़ी टक्कर दी थी.
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साथ ही, पवन की पत्नी ज्योति सिंह और रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) की हाल की मुलाकात ने राजनीतिक समीकरण और पेचीदा बना दिए हैं. विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह केवल सामान्य बातचीत नहीं, बल्कि भविष्य के बड़े बदलाव का संकेत है.
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राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर पवन की मां चुनावी मैदान में उतरती हैं, तो बिहार में सिनेमा और सत्ता का अनोखा संगम देखने को मिलेगा. पवन सिंह ने कहा था, “पावर यहां से शुरू होता है…” और अब ऐसा प्रतीत होता है कि यह पावर परिवार के जरिए बिहार की राजनीति में नया अध्याय लिखने वाला है.
