बिहार विधानसभा चुनाव से पहले किशनगंज की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष टीटू बदवाल ने साफ ऐलान किया है कि अगर पार्टी ने इस सीट से किसी “बाहरी उम्मीदवार” को टिकट दिया, तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
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टीटू बदवाल ने कहा, मुझे टिकट मिलना ज़रूरी नहीं है, लेकिन किशनगंज के लोग स्थानीय चेहरे को ही चाहते हैं. अगर पार्टी बाहरी को टिकट देती है, तो मैं निर्दलीय मैदान में उतरने से पीछे नहीं हटूंगा.
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उनका यह बयान तब आया है जब भाजपा ने अब तक बिहार की किसी भी सीट पर उम्मीदवारों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है. हालांकि, किशनगंज से पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन का नाम संभावित उम्मीदवारों की सूची में चर्चा में है, और बदवाल का यह बयान सीधे उसी अटकल से जोड़ा जा रहा है.
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इस बयान के बाद किशनगंज की सियासत गरमा गई है. भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में भी चर्चा है कि अगर पार्टी ने बाहरी उम्मीदवार पर दांव लगाया, तो बगावत की स्थिति बन सकती है.
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फिलहाल भाजपा नेतृत्व ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन इतना तय है कि टीटू बदवाल के बयान ने किशनगंज की राजनीतिक हवा में हलचल तेज कर दी है. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भाजपा आखिर इस सीट पर किस पर भरोसा जताती है — स्थानीय या बाहरी?