NDA में सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों को लेकर चल रही राजनीतिक बातचीत अब भी तनावपूर्ण है. शनिवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर कोर ग्रुप की बैठक आयोजित हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे. इस बैठक में उम्मीदवारों और सीट बंटवारे पर चर्चा हुई.
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बैठक के बाद RLM अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा खुद जेपी नड्डा से मिलने उनके आवास पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच डेढ़ घंटे लंबी बातचीत हुई. सूत्रों के अनुसार, उपेंद्र कुशवाहा सीट बंटवारे को लेकर नाराज हैं. इससे पहले जीतन राम मांझी भी नड्डा से मिलने पहुंचे थे.
तीन दिन की कड़ी बातचीत के बाद चिराग पासवान के साथ NDA में सीट शेयरिंग फाइनल कर दी गई है, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा अभी भी खफा हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “इधर-उधर की खबरों पर मत जाइए. वार्ता अभी पूरी नहीं हुई है. इंतजार कीजिए.”
माना जा रहा है कि गठबंधन में कुशवाहा को छह सीटें मिलने वाली हैं, जबकि वह 20 सीटों की मांग कर रहे थे. इसके अलावा, वह अपनी पसंद की सीटें भी सुनिश्चित करना चाहते हैं. खबर है कि वह अपने भरोसेमंद सहयोगी जितेंद्र नाथ के लिए शेखपुरा सीट की मांग कर रहे हैं. शेखपुरा सीट पर पहले से जेडीयू के नेता रणधीर सोनी चुनाव लड़ चुके हैं, जिन्होंने 2020 में राजद के विजय सम्राट से हार का सामना किया था.
इसी बीच, जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार अपने बेटे ऋतुराज कुमार के साथ जेडीयू में शामिल हो गए हैं. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और राज्यसभा सांसद संजय झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. ऋतुराज कुमार घोसी सीट से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं.
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अरुण कुमार ने कहा, “मैं सिद्धांतवादी रहा हूं और कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा. इस बार भी नहीं लड़ूंगा, लेकिन मेरे बेटे ऋतुराज जरूर चुनाव लड़ेंगे.”
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सियासी विश्लेषकों का मानना है कि NDA में सीट बंटवारे की अंतिम रूपरेखा तय होने के बाद भी उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी गठबंधन में हलचल पैदा कर सकती है.
