हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह को अत्यंत पवित्र और शुभ महीना माना गया है. इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा, व्रत और दान का विशेष महत्व होता है, ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास में किए गए छोटे से छोटे धार्मिक कार्य का भी अनंत गुना फल प्राप्त होता है. इस वर्ष कार्तिक मास 9 अक्टूबर से आरंभ होकर 7 नवंबर तक रहेगा. इस पूरे महीने भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है.
कार्तिक स्नान का महत्व
शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले पवित्र नदी, सरोवर या घर पर ही जल से स्नान करने से सभी पाप नष्ट होते हैं. स्नान के बाद तुलसी के पौधे के समक्ष दीपदान करने से विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
तुलसी पूजन और दीपदान
कार्तिक मास में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है, प्रतिदिन तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाकर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें. माना जाता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और लक्ष्मी जी का वास होता है.
एकादशी व्रत का महत्व
कार्तिक माह में आने वाली प्रबोधिनी एकादशी को स्वयं भगवान विष्णु का जागरण दिवस कहा जाता है, इस दिन व्रत रखकर श्रीहरि की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
दान और सत्संग का पुण्य
कार्तिक मास में जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, दीप या अनाज का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है. जो व्यक्ति इस महीने में भगवान का नाम स्मरण करते हैं, सत्संग में भाग लेते हैं या कथा सुनते हैं, उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.
खास उपाय जो अवश्य करें
प्रतिदिन प्रातः स्नान के बाद तुलसी पर जल चढ़ाएं, शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं, प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव और विष्णु की संयुक्त पूजा करें, संध्याकाल में “श्री विष्णु सहस्रनाम” का पाठ करें, जरूरतमंदों को कम्बल या भोजन का दान करें.
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