बिजनौर: श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महाराज कपिलपुरी जी महाराज ने धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए ऐलान किया है कि 9 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर व्यापक प्रदर्शन किया जाएगा. काकरान वाटिका में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि “भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसी है, जहां सदियों से अलग-अलग पंथ, परंपराएं और संप्रदाय पनपते रहे हैं. इस विविधता को सुरक्षित रखने की नींव धार्मिक स्वतंत्रता पर टिकी है”
“धर्मांतरण समाज की सांस्कृतिक अस्मिता पर आघात” — कपिलपुरी महाराज
महाराज कपिलपुरी ने कहा कि छल, बल और लालच के माध्यम से किया जाने वाला धर्मांतरण किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है. यह केवल व्यक्ति पर नहीं, बल्कि समाज की सांस्कृतिक अस्मिता पर भी गहरा प्रहार है.
उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए कहा कि “हर व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है, लेकिन यह स्वतंत्रता जन व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन है. किसी को दबाव या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना असंवैधानिक और अनैतिक है.”
विदेशी फंडिंग और मिशनरी संगठनों पर साधा निशाना
महाराज कपिलपुरी ने विदेशी मिशनरी संगठनों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “आज देश के गांवों, जंगलों और निर्धन बस्तियों को विदेशी धन के बल पर निशाना बनाया जा रहा है. धर्म परिवर्तन के माध्यम से लोगों की आस्था को तोड़ा जा रहा है, जो भारत की सनातन संस्कृति के लिए एक गहरी साजिश है”
संत समाज को एकजुट होने का आह्वान
उन्होंने आगे कहा कि “अब समय आ गया है कि संत समाज और सनातनी परिवार एकजुट होकर इस खतरे का मुकाबला करें” उन्होंने जिलेभर के संतों, साधुओं और सनातन धर्म के अनुयायियों से 9 अक्टूबर, शुक्रवार सुबह 10 बजे जिला कलेक्ट्रेट पर एकत्रित होने का आह्वान किया.
महाराज ने स्पष्ट कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक एकता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए है.
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
कपिलपुरी महाराज ने प्रशासन से यह भी मांग की कि धर्म परिवर्तन कराने वाले संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भारत की सांस्कृतिक जड़ों और धार्मिक परंपराओं को कोई नुकसान न पहुंचे
उन्होंने कहा, “धर्मांतरण रोकना केवल संतों का कर्तव्य नहीं, बल्कि यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है. अगर अब भी हम नहीं जागे, तो आने वाली पीढ़ियां अपनी पहचान भूल जाएंगी”
रिपोर्ट फहीम अख़्तर, बिजनौर उत्तर प्रदेश
इसे भी पढ़े- राहुल गांधी पर बरसे आचार्य प्रमोद कृष्णम, सपा को घेरा तीखे शब्दों में