पटना: दानापुर से RJD विधायक रीतलाल यादव को मंगलवार को सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में सशर्त जमानत मिली है. पटना की MP-MLA कोर्ट ने उन्हें बेल दी, लेकिन पहले से दर्ज कई आपराधिक मामलों के कारण वह जेल से बाहर नहीं आएंगे. 30 अप्रैल 2003 को RJD की रैली के दौरान बीजेपी नेता सत्यनारायण सिन्हा की गाड़ी पर हमला किया गया था. उन्हें गोलियों से भून दिया गया था, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी. इस दिन लालू यादव की रैली चल रही थी, और हमले का स्थान खगौल के जमालुद्दीन चौक के पास था.
Rohtas : लिट्टी बाबू बन गए SVEEP शुभंकर, मतदाताओं को करेंगे जागरूक!
साल 2020 में रीतलाल यादव को फिर से दानापुर से RJD टिकट मिला. उन्होंने भाजपा की आशा देवी को हराकर विधायक बने. आशा देवी सत्यनारायण सिन्हा की पत्नी हैं. चुनाव जीतने के बाद रीतलाल यादव ने धीरे-धीरे अपना लोकल वसूली का नेटवर्क जारी रखा. रीतलाल पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का भी आरोप है. बेऊर जेल में वह कई आपराधिक मामलों में बंद रहे. 17 अप्रैल को उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया और तब से जेल में थे. सूत्रों के अनुसार जेल में रहते हुए भी वह अपने लोगों से लगातार संपर्क में थे.
Lakhisarai : एक फुटबॉल मैच, एक बड़ा संदेश — हर वोट कीमती!
30 जुलाई को रीतलाल ने पटना कोर्ट से गुहार लगाई कि उनका ट्रांसफर बेऊर जेल में किया जाए. उनकी पत्नी ने जुलाई में विधानसभा अध्यक्ष से भी जेल में हत्या की आशंका जताई थी. रीतलाल यादव का जन्म 16 जनवरी 1972 को दानापुर के कोथावां गांव में हुआ. किशोरावस्था में ही उनके अपराधों की शुरुआत हुई थी. 1995-96 में लालू सरकार के दौरान यादवों का वर्चस्व बढ़ा, और रीतलाल ने स्थानीय अपराध और राहगीरों से छिनतई के मामलों में नाम कमाया.
Jahanabad : दाखिल-खारिज के नाम पर ₹5000 की रिश्वत, राजस्व कर्मचारी गिरफ्तार!
आज भी दानापुर में जमीन और ठेका पट्टा मामलों में उनका गिरोह सक्रिय है. हालांकि सशर्त बेल मिलने के बावजूद रीतलाल यादव जेल से बाहर नहीं आएंगे.