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शरद पूर्णिमा पर भगवान रंगनाथ के दर्शन से रोशन हुआ पूरा मंदिर परिसर

धर्मनगरी मथुरा में शरद पूर्णिमा का पावन पर्व अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया गया. पूर्णिमा की धवल चांदनी में श्री रंगनाथ मंदिर का वातावरण भक्ति और उल्लास से सराबोर रहा. भक्तों की भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ी रही ताकि वे भगवान श्री रंगनाथ जी के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर सकें.


चांदी के चंद्र प्रभा वाहन में विराजमान भगवान

शरद पूर्णिमा की रात को भगवान श्री रंगनाथ जी रजत (चांदी) से निर्मित ‘चंद्र प्रभा वाहन’ में विराजमान हुए। इस अद्भुत दृश्य ने सभी भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया. भगवान का श्रृंगार विशेष रूप से आकर्षक था — उनके मस्तक पर मनोहारी मोर मुकुट और हाथों में मधुर मुरली थी, जिससे उनका स्वरूप साक्षात श्रीकृष्ण जैसा प्रतीत हो रहा था.


माता गोदा जी संग भगवान गोदा रंगमन्नार के दर्शन

माता गोदा जी के साथ विराजमान भगवान श्री गोदा रंगमन्नार जी की छटा देखते ही बन रही थी. भक्तों ने जैसे ही भगवान का यह अलौकिक रूप देखा, पूरे मंदिर परिसर में “जय श्री रंगमन्नार” और “जय गोदा जी” के जयकारे गूंज उठे.
चांदी के चंद्र प्रभा वाहन में विराजित प्रभु का यह दिव्य दर्शन भक्तों के लिए जीवन का अविस्मरणीय क्षण बन गया.


भक्तों की उमड़ी भीड़ और भक्ति का वातावरण

मंदिर प्रांगण में हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे जिन्होंने भगवान के इस दिव्य स्वरूप का दर्शन कर अपने जीवन को धन्य माना. पूरे मंदिर परिसर को फूलों और रोशनी से सजाया गया था, जिससे वातावरण और भी पवित्र और मनोहारी बन गया.
भक्तों ने भगवान श्री रंगनाथ जी के चरणों में पुष्प अर्पित किए और भक्ति गीतों से वातावरण को गुंजायमान किया.


शरद पूर्णिमा की मान्यता और आस्था

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृतमयी होती हैं और इस दिन भगवान के दर्शन करना अत्यंत शुभ और फलदायी होता है. इस रात को भगवान श्री रंगनाथ जी के दर्शन करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है.
भक्तों ने रंगनाथ जी और माता गोदा जी से अपने जीवन में मंगलकामना की और आरती के साथ इस पावन पर्व का समापन किया.


भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम

शरद पूर्णिमा के अवसर पर मथुरा का श्री रंगनाथ मंदिर भक्ति, भव्यता और आध्यात्मिकता का केंद्र बन गया. चांदी के चंद्र प्रभा वाहन में विराजमान भगवान श्री रंगनाथ जी का दिव्य स्वरूप हर किसी के हृदय में गहरी आस्था और शांति का संचार कर गया.

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