पटना: पटना में लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मेट्रो दौड़ पड़ी. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्यू आईएसबीटी स्टेशन से मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर इसका विधिवत शुभारंभ किया. पटना मेट्रो फिलहाल 4.5 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड ट्रैक पर न्यू आईएसबीटी से भूतनाथ रोड तक चलेगी. राजधानी के लोगों के लिए यह दिन ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि अब पटना भी उन चुनिंदा शहरों की सूची में शामिल हो गया है, जहां मेट्रो सेवा उपलब्ध है.

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मेट्रो सेवा के किराए को आम लोगों को ध्यान में रखकर तय किया गया है. न्यू आईएसबीटी से जीरो माइल तक यात्रा करने पर न्यूनतम किराया पंद्रह रुपए होगा, जबकि भूतनाथ रोड तक का किराया तीस रुपए रखा गया है. मेट्रो का परिचालन सुबह आठ बजे से रात दस बजे तक किया जाएगा और फिलहाल यह ट्रेन चालीस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. सुरक्षा मानकों को देखते हुए मेट्रो रेल सेफ्टी कमिश्नर ने पहले ही पटना मेट्रो को संचालन की मंजूरी दे दी थी. ट्रायल रन के दौरान सिग्नलिंग सिस्टम, पटरियों की मजबूती और ब्रेकिंग व्यवस्था समेत सभी तकनीकी पहलुओं की बारीकी से जांच की गई थी. रिपोर्ट में संतोषजनक परिणाम आने के बाद ही उद्घाटन का फैसला लिया गया.

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पटना मेट्रो का एक और आकर्षण इसकी बोगियां हैं. इन्हें विशेष रूप से मधुबनी पेंटिंग से सजाया गया है. नारंगी रंग में दिखने वाली तीन कोच की इस मेट्रो के अंदर और बाहर बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों की झलक दिखाई देती है. गोलघर, महावीर मंदिर, बोधिवृक्ष, नालंदा खंडहर और बुद्ध स्तूप जैसी जगहों की तस्वीरें इसमें उकेरी गई हैं. इस तरह पटना मेट्रो केवल एक परिवहन साधन ही नहीं बल्कि बिहार की कला और संस्कृति को भी बढ़ावा देने वाला माध्यम बन गई है.

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उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेट्रो कॉरिडोर-1 के भूमिगत हिस्से की आधारशिला भी रखी. इस परियोजना के तहत पटना जंक्शन से मीठापुर रैंप तक 9.35 किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंग और छह भूमिगत स्टेशन बनाए जाएंगे. इस पर कुल 2565 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आएगी. योजना के मुताबिक इस निर्माण कार्य को 42 महीनों के भीतर पूरा करना है. कॉरिडोर-1 के पहले चरण में रुकनपुरा, राजा बाजार और चिड़ियाघर स्टेशन शामिल होंगे, जिस पर करीब 1147 करोड़ रुपए खर्च होंगे. दूसरे हिस्से में विकास भवन, विद्युत भवन और पटना जंक्शन स्टेशन का निर्माण किया जाएगा, साथ ही मीठापुर रैंप तक टनल भी बनेगी. इस पर लगभग 1418 करोड़ रुपए की लागत आएगी.

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विशेषज्ञों का मानना है कि पटना में मेट्रो सेवा शुरू होने से शहर के ट्रैफिक दबाव में कमी आएगी और लोगों को जाम से बड़ी राहत मिलेगी. खासकर केंद्रीय इलाकों में भूमिगत मेट्रो लाइन तैयार हो जाने के बाद यातायात व्यवस्था और भी बेहतर हो जाएगी. साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और शहरी विकास को नई गति मिलेगी.

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पटना मेट्रो की शुरुआत न सिर्फ राजधानी के लिए बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व का क्षण है. वर्षों से जिस सपने का इंतजार था, वह हकीकत में बदल गया है. अब शहर के लोग आधुनिक और सुरक्षित परिवहन का अनुभव कर पाएंगे और पटना विकास की नई राह पर आगे बढ़ेगा.