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माइग्रेन का दर्द अब नहीं बनेगा परेशानी – इन नेचुरल तरीकों से पाएं तुरंत आराम

Migraine pain

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सिर दर्द आम बात हो गई है, लेकिन जब यह दर्द बार-बार होने लगे और सिर फटने जैसा महसूस हो, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार यह माइग्रेन का लक्षण हो सकता है. माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें तेज सिर दर्द के साथ उल्टी, रोशनी और आवाज़ से परेशानी, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

माइग्रेन के प्रमुख लक्षण
सिर के एक हिस्से में तेज दर्द, रोशनी और तेज आवाज से असहजता, मतली या उल्टी की समस्या, आंखों के सामने धुंधलापन या चमकते धब्बे दिखना, थकान और चिड़चिड़ापन.

माइग्रेन के कारण
माइग्रेन के कई ट्रिगर फैक्टर्स हो सकते हैं, जैसे – अनियमित नींद, तनाव और चिंता, हार्मोनल बदलाव, जंक फूड और असंतुलित खानपान, अत्यधिक स्क्रीन टाइम और तेज रोशनी.

माइग्रेन से राहत पाने के नेचुरल तरीके
योग और प्राणायाम- एक्सपर्ट्स के अनुसार रोज़ाना अनुलोम-विलोम और शीतली प्राणायाम करने से दिमाग शांत रहता है और माइग्रेन के अटैक कम हो सकते हैं.

हाइड्रेशन पर ध्यान दें- शरीर में पानी की कमी माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है, इसलिए दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है.

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां- तुलसी, अदरक और हल्दी का सेवन माइग्रेन के दर्द को शांत करने में मददगार माना जाता है.

ठंडी पट्टी का इस्तेमाल- सिर और आंखों पर ठंडी पट्टी रखने से तुरंत राहत मिलती है क्योंकि यह नसों को रिलैक्स करती है.

कैफीन का नियंत्रित सेवन- सीमित मात्रा में ग्रीन टी या कॉफी पीने से माइग्रेन का दर्द कम हो सकता है.

नींद का नियमित पैटर्न- रोजाना समय पर सोना और 7–8 घंटे की नींद लेना माइग्रेन को कंट्रोल करने का सबसे आसान तरीका है.

सावधानी बरतना जरूरी
हालांकि ये नेचुरल उपाय माइग्रेन में काफी मददगार हैं, लेकिन अगर दर्द बार-बार और बहुत ज्यादा हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. सही समय पर इलाज और जीवनशैली में बदलाव करके माइग्रेन को कंट्रोल करना संभव है.

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