कैमूर: बिहार के कैमूर जिले के चैनपुर में स्थित हरसू ब्रह्म धाम अपने अनोखे धार्मिक और लोकविश्वास के कारण प्रसिद्ध है. हर साल नवरात्र के दौरान यहाँ लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं. यहाँ एक अनोखी मान्यता है कि इस मंदिर में भूत-पिशाच और मानसिक परेशानियों से पीड़ित लोगों की समस्याएँ ठीक हो जाती हैं.
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मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है. कहा जाता है कि बाबा हरसू ब्रह्म ब्राह्मण थे और राजा शालिवाहन के राज्य में पुरोहित थे. राजा की कोई संतान नहीं थी, जिसे लेकर बाबा हरसू ने राजा को सलाह दी कि वे दूसरी शादी कर लें. राजा ने रानी से दूसरी शादी की, जिससे रानी नाराज हो गई और उसने हरसू बाबा के महल को ध्वस्त करा दिया. क्रोधित होकर बाबा ने राजा के राज्य और राजपाट को विनाश से बचाया और खुद देह त्याग दी. उसी दिन से उनके ब्रह्म स्थान पर पूजा-अर्चना शुरू हो गई और यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन गया.
श्रद्धालु मानते हैं कि यहाँ आने वाले किसी भी व्यक्ति की भूत-पिशाच या मानसिक परेशानियाँ बाबा हरसू के आशीर्वाद से दूर हो जाती हैं. यह मंदिर इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ की पूजा में किसी प्रकार का भय या खून-खराबा नहीं होता. श्रद्धालु अपने साथ अपने व्यक्तिगत दुख, रोग, और मानसिक तनाव लेकर आते हैं और बाबा हरसू के दरबार में पूजा-अर्चना करने के बाद अपनी समस्याओं से मुक्त होकर लौटते हैं.

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उदाहरण के तौर पर यूपी के गाजीपुर निवासी शक्ति त्रिपाठी बताते हैं कि उन्हें पिछले 15 साल से ब्रेन ट्यूमर जैसी समस्या थी और घर में भूत-प्रेत का साया था. लेकिन जब वे बाबा हरसू ब्रह्म धाम आए और मंदिर में पूजा-अर्चना की, तो सभी समस्याएँ दूर हो गईं. उनका कहना है कि बाबा का आशीर्वाद अद्भुत है और वे पूरे परिवार के साथ नियमित रूप से यहाँ आते हैं.
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इसी तरह यूपी के मिर्जापुर की कविता मिश्रा कहती हैं कि वे पिछले 15 साल से बाबा के दर्शन के लिए आती हैं. उनका अनुभव है कि यहाँ आने से न केवल उनके परिवार की समस्याएँ हल हो गई हैं, बल्कि कोई भी भूत या नकारात्मक प्रभाव अब उनके जीवन में नहीं रहता. उनका कहना है कि बाबा हरसू की कृपा से हर प्रकार की मानसिक और आत्मिक शांति मिलती है.
मंदिर के कोषाध्यक्ष, बद्री नाथ शुक्ला बताते हैं कि बाबा हरसू ब्रह्म का यह स्थान भूत-पिशाच निवारण के लिए विख्यात है. यदि किसी पर किसी प्रकार का भूत-पिशाच का साया होता है, तो 15 माह तक लगातार पूजा-अर्चना करने से सभी समस्याओं का निवारण हो जाता है. उनका कहना है कि श्रद्धालु यहाँ न केवल भारत से बल्कि विदेशों से भी आते हैं और अपने जीवन की कठिनाइयों का हल पाते हैं.
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हरसू ब्रह्म धाम की विशेषता यह है कि यह मंदिर आधुनिक विज्ञान और अंधविश्वास के बीच एक अद्भुत संगम बनता है. वैज्ञानिक युग में लोग अब भी अपने विश्वास के आधार पर बाबा हरसू के पास आते हैं. जबकि सरकार अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ अभियान चला रही है, फिर भी लोग मानसिक और शारीरिक परेशानियों के समाधान के लिए डॉक्टरों के बजाय ओझा या गुरु के पास जाना पसंद करते हैं.

नवरात्र के दौरान मंदिर परिसर में भारी भीड़ उमड़ती है. जिला प्रशासन सुरक्षा के कड़े इंतजाम करता है. मंदिर में श्रद्धालुओं की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे, पुलिस बल और स्काउट गाइड की तैनाती रहती है. यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन और आशीर्वाद लेने आते हैं.
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श्रद्धालु बताते हैं कि बाबा हरसू के दरबार में आकर उन्हें न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों का समाधान भी होता है. चाहे कोई रोग, परिवारिक विवाद या किसी प्रकार का भय हो, यहाँ आकर पूजा करने से हर समस्या हल हो जाती है. यही कारण है कि हरसू ब्रह्म धाम को न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में भूत-पिशाच निवारण और आस्था का केंद्र माना जाता है.
इस प्रकार यह मंदिर आस्था, विश्वास और पारंपरिक लोककथाओं का संगम है. यह दिखाता है कि धार्मिक आस्था और लोकविश्वास कैसे सदियों से लोगों के जीवन में शांति और समाधान देने का माध्यम बने हुए हैं. हरसू ब्रह्म धाम न केवल भक्तों के लिए बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो मानसिक और आत्मिक शांति की तलाश में हैं.
