गोपालगंज: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों के प्रचार पर पैनी नजर रखने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि वोट मांगने के तरीकों से लेकर चुनाव खर्च तक सभी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. आयोग ने सभी उम्मीदवारों के लिए समान नियम तय किए हैं, जिनमें सभा और रैली आयोजित करने के तरीके, कार्यालय खोलने के स्थान, माइक और ध्वनि यंत्रों के प्रयोग समेत धार्मिक स्थलों के इर्द-गिर्द चुनावी कार्यक्रम आयोजित न करने के निर्देश शामिल हैं.
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जिला निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि उम्मीदवारों को वोट मांगते समय धर्म या संप्रदाय का नाम लेना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसके अलावा आयोग ने भ्रष्ट आचरण को रोकने के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. निर्देशों के अनुपालन के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से विशेष कोषांग गठित किए गए हैं, जो प्रत्याशियों के प्रचार-प्रसार और चुनावी गतिविधियों पर नजर रखेंगे.
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चुनाव आयोग ने कुल 18 उड़नदस्ता टीमें बनाई हैं, जिनमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन फ्लाइंग स्क्वायड नियुक्त हैं. ये टीमें चुनाव कार्यालय, रैली, सभा और अन्य गतिविधियों पर नजर रखेंगी और किसी भी नियम उल्लंघन की रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करेंगी. प्रत्याशियों को चुनाव खर्च का भी पूरा विवरण देना होगा. इसमें कार्यालय में लगने वाली कुर्सियों से लेकर टेंट, माइक, वाहन और ईंधन खर्च तक का हिसाब शामिल है.
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जिला निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि यह कदम निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. चुनाव आयोग के सख्त नियमों और निगरानी के कारण प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों को अपने प्रचार में पूरी सावधानी बरतनी होगी.
इस तरह आयोग की कड़ी नजर से चुनाव के दौरान किसी भी तरह के नियम उल्लंघन और अनुचित गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी, ताकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहे.
रिपोर्ट: अनुज पांडेय, गोपालगंज.