Advertisement

हेयर स्ट्रेटनिंग से बचना क्यों है जरूरी? जानें बालों पर इसके खतरनाक असर

हेयर स्ट्रेटनिंग से बचना क्यों है जरूरी

आजकल हर लड़की के ब्यूटी रूटीन में हेयर स्ट्रेटनिंग शामिल हो चुका है। शादी, पार्टी या ऑफिस लुक के लिए स्ट्रेट बालों को परफेक्ट माना जाता है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि रोजाना या बार-बार हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल आपके खूबसूरत बालों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकता है? आइए जानते हैं हेयर स्ट्रेटनिंग के खतरनाक असर और क्यों इससे बचना जरूरी है.

हेयर स्ट्रेटनिंग के खतरनाक असर

बालों का झड़ना और टूटना- हेयर स्ट्रेटनर की गर्मी बालों के नैचुरल प्रोटीन और मॉइस्चर को जला देती है, इससे बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं और आसानी से टूट जाते हैं.

फ्रिज और स्प्लिट एंड्स की समस्या- स्ट्रेटनिंग से बालों की बाहरी परत (क्यूटिकल) डैमेज हो जाती है, इसका नतीजा होता है—स्प्लिट एंड्स और फ्रिज़ी बाल, जिन पर कोई भी हेयरस्टाइल लंबे समय तक टिकता नहीं.

बालों का समय से पहले सफेद होना- हीट का सीधा असर बालों के पिगमेंट पर पड़ता है, बार-बार स्ट्रेटनिंग करने से बाल जल्दी सफेद होने लगते हैं और नैचुरल शाइन भी खत्म हो जाती है.

स्कैल्प पर असर- स्ट्रेटनिंग के दौरान निकलने वाली गर्मी और केमिकल स्कैल्प को ड्राई और इरिटेट कर देते हैं, लंबे समय में यह डैंड्रफ, खुजली और इंफेक्शन का कारण बन सकता है.

नेचुरल टेक्सचर का नुकसान- बार-बार स्ट्रेटनर चलाने से आपके बालों का नेचुरल टेक्सचर हमेशा के लिए खराब हो सकता है, बाद में चाहे जितना ऑयलिंग और केयर करें, बाल पहले जैसे हेल्दी और सॉफ्ट नहीं रहते.

    कैसे बचें नुकसान से?
    रोजाना स्ट्रेटनर का इस्तेमाल न करें, स्ट्रेटनिंग से पहले हमेशा हीट प्रोटेक्शन सीरम लगाएं, हफ्ते में 2 बार डीप ऑयलिंग और हेयर मास्क का इस्तेमाल करें, अगर बहुत जरूरी हो तो ही हेयर स्ट्रेटनिंग करें.

    इसे भी पढ़े- क्या बच्चों को गुदगुदी करना है सेहत के लिए खतरनाक? जानिए सच