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नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी का होता है पूजन – जानिए शुभ रंग, मंत्र और आरती का महत्व

नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी का होता है

शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी को शक्ति और वीरता की देवी माना गया है. मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और भक्ति से की गई पूजा संतान सुख, विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने और जीवन में सफलता पाने का आशीर्वाद देती है.

मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी सिंह पर सवार रहती हैं और उनके चार हाथ होते हैं. वे एक हाथ में तलवार, दूसरे में कमल और बाकी दो हाथों से भक्तों को आशीर्वाद देती हैं.

पूजा विधि
सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, पूजन स्थान पर मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें, पीले या सुनहरे रंग के फूल अर्पित करें, धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाकर देवी की आराधना करें, मंत्र, आरती और कथा का पाठ करें.

शुभ रंग
छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा में सुनहरा या पीला रंग शुभ माना जाता है, इस रंग के वस्त्र पहनने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

भोग
मां कात्यायनी को शहद (हनी) का भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है, इससे भक्तों के जीवन में सौभाग्य और सुख-समृद्धि आती है.

मंत्र:
मां कात्यायनी की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें – “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥”

आरती
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की आरती करने से विशेष पुण्य और आशीर्वाद मिलता है, “जय कात्यायनी माता, जय जग जननी माता, सदा करुणा बरसाओ, भक्तों के जीवन में सुख लाओ.”

महत्व
मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं, अविवाहित कन्याएं इस दिन विशेष व्रत और पूजा करके उत्तम वर की प्राप्ति करती हैं, मां का आशीर्वाद जीवन में आत्मबल, साहस और सफलता प्रदान करता है.

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