बेगूसराय में एमपी एमएलए कोर्ट ने 33 साल पुराने बरौनी थाना कांड 406/92 में फैसला सुनाया. पुलिस टीम पर हमला करने के मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को एक साल और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को चार-चार साल की सजा सुनाई गई है.
न्यायाधीश संजय कुमार ने कहा कि सूरजभान सिंह को धारा 353 के तहत एक साल की सजा मिली है, इसलिए उन्हें जमानत मिल गई. जबकि रामलखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को जेल भेज दिया गया. जेल में प्रवेश के बाद रामलखन सिंह की तबियत बिगड़ गई और उन्हें लगातार हो रहे डायलिसिस के कारण सदर अस्पताल, बेगूसराय में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में विशेष इलाज देने की व्यवस्था की.
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रामलखन सिंह को सत्र वाद संख्या 375/93 में अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई. इसमें धारा 307 (जानलेवा हमला) – 4 साल, धारा 353 – 1 साल, शस्त्र अधिनियम धारा 25(1-b) – 2 साल और शस्त्र अधिनियम धारा 26 व 27 – 3-3 साल शामिल हैं. यह वही मामला है जिसमें पुलिस और अपराधियों के हमले का शिकार रामलखन सिंह स्वयं हुए थे, लेकिन बचाव के दौरान उन पर मुकदमा कर दिया गया.
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रामलखन सिंह का राजनीतिक सफर लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है. उन्होंने मटिहानी से एक बार, बरौनी से चार बार और बछवारा से एक बार चुनाव लड़ा. वे दो बार भाजपा जिला अध्यक्ष रहे और प्रदेश स्तर पर मंत्री पद पर भी कार्यरत रहे.
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घटना 9 अक्टूबर 1992 की है, जब मोम फैक्ट्री में कुछ बदमाशों की सूचना पर पुलिस पहुंची थी. बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की, जिसमें रामलखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर गिरफ्तार हुए, जबकि सूरजभान सिंह मौके से फरार हो गए थे. एक दर्जन गवाहों और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने तीनों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई.
रिपोर्ट: सुमित कुमार सिंह, भागलपुर.