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मुरादाबाद को मिलेगा देश का पहला डिजिटल वॉर म्यूजियम, त्रिशूल रक्षा संग्रहालय लगभग तैयार

मुरादाबाद देश का पहला डिजिटल वॉर म्यूजियम

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में शहीदों की वीरता और बलिदान को नमन करने के लिए देश का पहला डिजिटल वॉर म्यूजियम बनकर लगभग तैयार है. इसे “त्रिशूल भारतीय रक्षा संग्रहालय” नाम दिया गया है, जो भारतीय सेना की तीनों विंग्स—थल, जल और नभ—को प्रदर्शित करेगा. करीब 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और जल्द ही यह संग्रहालय जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

जंग-ए-आजादी से लेकर ऑपरेशन सिन्दूर तक की झलक
इस वॉर म्यूजियम में आगंतुकों को जंग-ए-आजादी से लेकर ऑपरेशन सिन्दूर तक की वीर गाथाओं से रूबरू कराया जाएगा. यहां बलिदानी जवानों की उपलब्धियों के साथ-साथ आजादी की लड़ाई में इस्तेमाल हुए हथियार, तलवारें, चाकू, एंटी-हथियार, टैंक और गोला-बारूद भी प्रदर्शित किए जाएंगे.
इसके अलावा प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल हुए सैन्य उपकरण और आजादी के बाद हुई प्रमुख लड़ाइयों से जुड़े हथियार भी संग्रहालय का आकर्षण होंगे. यहां तक कि आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले फाइटर जेट को भी प्रदर्शनी में शामिल किया जाएगा.

25 करोड़ की लागत से बन रहा संग्रहालय
मुरादाबाद नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया कि 10 एकड़ भूमि पर बन रहा यह संग्रहालय लगभग 25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है. इसमें प्रथम तल का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह के निर्देशानुसार संग्रहालय का निर्माण पूरी सुरक्षा और सेना के प्रोटोकॉल के अनुसार किया जा रहा है.

सेना की देखरेख में हो रहा निर्माण
त्रिशूल रक्षा संग्रहालय में लगाए जाने वाले उपकरण सेना के मानकों के अनुसार इंस्टॉल किए जा रहे हैं. इसके लिए सेना के अधिकारियों की ड्यूटी भी संग्रहालय स्थल पर लगाई गई है. नगर आयुक्त ने बताया कि भारतीय सेना और डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग से यहां मिलने वाले उपकरणों की इंस्टॉलेशन का काम तेजी से चल रहा है.

जल्द खुलेगा जनता के लिए द्वार
अधिकारियों का कहना है कि यह संग्रहालय न केवल मुरादाबाद बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का केंद्र बनेगा. यहां लोग शहीदों की शौर्यगाथाओं और भारतीय सेना के इतिहास से करीब से जुड़ सकेंगे. जल्द ही इसे आम जनता के लिए खोला जाएगा.

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