औरंगाबाद: जिले में सिविल सर्जन डॉ. लालसा सिन्हा पर गंभीर आरोप लगने के बाद हंगामा खड़ा हो गया है. मामला उस समय तूल पकड़ गया जब कुछ दिन पूर्व उनकी निजी क्लिनिक में एक गर्भवती महिला पूनम देवी का ऑपरेशन हुआ और इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. इसी दौरान जच्चा-बच्चा समेत तीन लोगों की जान चली गई.
परिजनों ने इस घटना को लापरवाही और अवैध तरीके से क्लिनिक चलाने का नतीजा बताया. आरोप है कि जब परिजनों ने विरोध जताया तो सिविल सर्जन ने उन्हें मुआवजे के रूप में एक चेक दिया. लेकिन जांच में पता चला कि या तो वह खाता पहले से बंद था या उसमें राशि ही नहीं थी. इससे परिजनों का गुस्सा और बढ़ गया.
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न्याय की मांग लेकर मृतक के परिजन लगातार दर-दर की ठोकरें खा रहे थे, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो शुक्रवार को राजद पार्टी के विधायक और कार्यकर्ताओं ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया. उन्होंने शहर में विरोध मार्च निकाला और जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की.
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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे सिविल सर्जन द्वारा निजी क्लिनिक चलाना ही कानून का उल्लंघन है. अब जब मौत और फर्जी चेक जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं तो उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. राजद नेताओं ने डीएम से मिलकर सिविल सर्जन को तत्काल पद से हटाने की मांग रखी.
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फिलहाल जिला प्रशासन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा. ग्रामीणों और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.
रिपोर्ट: दीनानाथ मौआर, औरंगाबाद.