घर की सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि के लिए लोग अलग-अलग पौधे लगाते हैं. तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और हर घर में इसकी पूजा होती है. वहीं, मनीप्लांट को घर में धन और समृद्धि का प्रतीक कहा जाता है. लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या तुलसी और मनीप्लांट को साथ रखना सही है? वास्तु शास्त्र के अनुसार इन दोनों पौधों को एक साथ रखने से घर के ऊर्जा संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
तुलसी का महत्व
तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा और धार्मिक वातावरण बनता है. तुलसी के पौधे के पास अशुद्ध चीजें या नकारात्मक ऊर्जा वाले पौधे नहीं रखने चाहिए.
मनीप्लांट का महत्व
मनीप्लांट को धन, सुख और समृद्धि का प्रतीक कहा जाता है. यह घर की दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में लगाना शुभ माना जाता है. मनीप्लांट नकारात्मक ऊर्जा को सोखकर आर्थिक लाभ बढ़ाता है.
क्यों नहीं रखना चाहिए दोनों को साथ?
1. ऊर्जा का टकराव – तुलसी का पौधा धार्मिक और सात्विक ऊर्जा से जुड़ा है, जबकि मनीप्लांट भौतिक सुख और भोग का प्रतीक है। दोनों की ऊर्जा विपरीत दिशा में काम करती है.
2. वास्तु दोष की संभावना – तुलसी को धूप और खुली हवा पसंद है, जबकि मनीप्लांट छांव और नमी में फलता है. दोनों को एक साथ रखने से पौधों का विकास भी प्रभावित होता है.
3. धार्मिक दृष्टिकोण से अशुभ – तुलसी के पास केवल सात्विक और शुद्ध वस्तुएं ही रखनी चाहिए. मनीप्लांट को तुलसी के साथ रखने से इसका पवित्र प्रभाव कम हो सकता है.
क्या करें सही उपाय?
तुलसी का पौधा हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में रखें, मनीप्लांट को घर के दक्षिण-पूर्व कोने में अलग जगह पर रखें, दोनों पौधों को अलग-अलग स्थान देने से घर में संतुलन, सुख और समृद्धि बनी रहती है.
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