कुशीनगर: संस्कृत विद्यालय में हुई किशोर की संदिग्ध मौत के मामले का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. जो मामला आत्महत्या समझा जा रहा था, वह दरअसल हत्या निकला. पुलिस जांच में सामने आया कि पूर्व प्रधानाचार्य ने अनैतिक कार्य में असफल होने और राज खुल जाने के डर से ही 11 वर्षीय छात्र की गला दबाकर हत्या कर दी थी. इसके बाद शव को सीढ़ी से लटकाकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई. पुलिस ने आरोपी पूर्व प्रधानाचार्य प्रभुनाथ पाण्डेय, उनके दो पुत्रों और वर्तमान प्रधानाचार्य अवधेश द्विवेदी को गिरफ्तार कर लिया है.
घटना का पूरा मामला
हाटा कोतवाली क्षेत्र के वीर अब्दुल हमीद नगर वार्ड नंबर 2 स्थित संस्कृत विद्या प्रबोधिनी पाठशाला में छात्र आयुष दूबे रहकर पढ़ाई कर रहा था. दो साल पहले देवरिया जिले के रहने वाले पिता धनंजय दूबे ने अपने बेटे का इस विद्यालय में दाखिला कराया था. बीते दिनों विद्यालय प्रबंधन ने परिजनों को सूचना दी कि आयुष ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है. लेकिन जब परिवार विद्यालय पहुंचा तो शक और गहरा गया. स्टाफ ने शव पहले ही उतार दिया था और अंतिम संस्कार के लिए दबाव भी बनाया.
परिजनों के संदेह पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें गले की हड्डी टूटी हुई पाई गई. इसके बाद एसपी संतोष कुमार मिश्र ने तीन पुलिस टीमों का गठन कर जांच शुरू कराई.
जांच में निकला चौंकाने वाला सच
छात्रों से पूछताछ में सामने आया कि पूर्व प्रधानाचार्य प्रभुनाथ पाण्डेय अकसर छात्रों से अश्लील हरकत करता था. पूछताछ में खुलासा हुआ कि 11 सितंबर की रात प्रभुनाथ ने आयुष को कमरे में बुलाकर अप्राकृतिक दुष्कर्म किया. जब आयुष ने यह बात परिवार को बताने की धमकी दी, तो आरोपी ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. बाद में अपने दो बेटों और वर्तमान प्रधानाचार्य की मदद से शव को सीढ़ी से लटकाकर आत्महत्या का रूप दिया।
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