मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले के मलाही थाना क्षेत्र में सोमवार की शाम जिउतिया पर्व के अवसर पर गंडक नदी में स्नान के दौरान बड़ा हादसा हो गया. गांव की पांच बच्चियां नदी में डूब गईं. स्थानीय ग्रामीणों के प्रयास से दो बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन तीन मासूमों की जान नहीं बच सकी. इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे इलाके में मातम पसर गया है.
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मिली जानकारी के अनुसार, मलाहीडीह गांव की महिलाएं जिउतिया स्नान करने सोमवार की शाम गंडक नदी स्थित चटिया दियर पहुंची थीं. परंपरा के अनुसार महिलाएं स्नान कर संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. इसी दौरान गांव की पांच बच्चियां भी उनके साथ चली गईं. महिलाएं स्नान कर रही थीं तभी पांचों बच्चियां भी नदी में उतर गईं. कुछ ही देर बाद अचानक वे गहरे पानी में जाने लगीं और डूबने लगीं.
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महिलाओं ने जब बच्चियों को डूबते देखा तो शोर मचाना शुरू किया. देखते ही देखते आस-पास के लोग घटनास्थल पर जुट गए और बचाव अभियान शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए पानी में उतरकर गुड़िया कुमारी और एक अन्य बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. हालांकि परी कुमारी, प्रियंका कुमारी और संध्या कुमारी को बचाया नहीं जा सका. ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद तीनों बच्चियों के शव नदी से बाहर निकाले.
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घटना की सूचना मिलते ही अरेराज के राजस्व पदाधिकारी विनोद कुमार पांडेय और मलाही थाना प्रभारी करण कुमार सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोतिहारी सदर अस्पताल भेज दिया. अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लिया और परिजनों को ढांढस बंधाया.
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तीन बच्चियों की असामयिक मौत से पूरा मलाहीडीह गांव गमगीन है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. जिस धार्मिक पर्व पर खुशियां और मंगलकामना की जाती है, उसी दिन हादसे ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया.
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ग्रामीणों ने बताया कि जिउतिया के अवसर पर हर साल बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे स्नान करने गंडक नदी पहुंचते हैं. बावजूद इसके, न तो प्रशासन की ओर से सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं और न ही गोताखोर या नाविकों की तैनाती होती है. लोगों का कहना है कि अगर समय पर सुरक्षा व्यवस्था होती, तो शायद तीन मासूमों की जान बचाई जा सकती थी.
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हादसे के बाद से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. परिजनों के करुण क्रंदन से हर किसी की आंखें नम हो गईं. प्रशासन ने मृत बच्चियों के परिजनों को आपदा राहत कोष से मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया है.
