मुंगेर जिले में गंगा एक बार फिर उफान पर है. जमालपुर समेत तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं. कई स्कूलों में पानी घुसने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो चुकी है.
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गुरुवार दोपहर गंगा का जलस्तर 39.18 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से महज 15 सेंटीमीटर नीचे है. इन्द्ररूख पश्चिमी पंचायत के हेरू दियारा के ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो महीने से लगातार बाढ़ की मार झेलनी पड़ रही है और अब चौथी बार जलस्तर में वृद्धि ने उनकी चिंता बढ़ा दी है.
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लोगों का कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो अगले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाएगा. जलस्तर में लगातार वृद्धि से कटाव का खतरा भी मंडराने लगा है. डकरा के समीप पंप नहर परियोजना के हौज बह जाने के बाद लगभग 30 घरों पर कटाव का संकट खड़ा हो गया है.
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ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से किए गए बचाव कार्य नाकाफी साबित हुए हैं. प्रशासनिक उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही को लेकर लोगों में गुस्सा है.
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प्रखंड के सिंघिया, परहम, इन्द्ररूख पश्चिमी, इटहरी और कला रामपुर पंचायत के करीब 40 गांवों के लगभग 22 हजार लोग हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं. गुरुवार को हेरू दियारा और फरदा के निचले इलाकों में पानी भरने से गांव टापू जैसे नजर आए. लोग अब विषैले जीव-जंतुओं और हिंसक जानवरों के खतरे के बीच रहने को मजबूर हैं. कई ग्रामीण देर रात तक गांव की रखवाली भी करते देखे गए.