आज के दौर में देर से शादी करना एक ट्रेंड बन चुका है. कई लोग करियर, पढ़ाई या पर्सनल गोल्स पूरे करने के बाद ही शादी करना पसंद करते हैं. पहले जहां 22–25 साल की उम्र शादी के लिए परफेक्ट मानी जाती थी, वहीं अब लोग 30 या उससे अधिक उम्र में शादी करना बेहतर समझते हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या देर से शादी करना सही है? आइए जानते हैं इसके फायदे और परेशानियां.
देर से शादी करने के फायदे
देर से शादी करना केवल उम्र बढ़ने का मामला नहीं है, बल्कि इसके कई फायदे भी होते हैं, चलिए जानते हैं कि क्या-क्या फायदे है.
1. करियर और आर्थिक स्थिरता- देर से शादी करने वाले लोग आमतौर पर करियर में सेटल हो जाते हैं. उनकी कमाई अच्छी होती है, जिससे वे परिवार को आरामदायक जीवन दे पाते हैं.
2. पर्सनल ग्रोथ का समय- जब शादी देर से होती है तो इंसान को खुद को समझने और अपनी इच्छाओं को पूरा करने का ज्यादा समय मिलता है, इससे आत्मविश्वास और परिपक्वता भी बढ़ती है.
3. सही लाइफ पार्टनर का चुनाव- कम उम्र में जल्दबाजी में शादी करने के बजाय, देर से शादी करने वाले लोग अपने पार्टनर को सोच-समझकर चुनते हैं, इससे रिश्तों में स्थिरता आती है.
4. मानसिक परिपक्वता- उम्र के साथ इंसान ज्यादा शांत और जिम्मेदार बनता है, ऐसे में रिश्ते निभाने की क्षमता और समझदारी भी बढ़ती है.
देर से शादी करने की परेशानियां
देर से शादी करने के फायदे हैं, वैसे ही इसके कुछ संभावित नुकसान और परेशानियां भी हो सकती हैं.
1. माता-पिता का दबाव और समाज की बातें- देर से शादी करने वालों को अक्सर रिश्तेदारों और समाज से ताने सुनने पड़ते हैं. कई बार परिवार का दबाव भी तनाव पैदा कर देता है.
2. हेल्थ से जुड़ी दिक्कतें- देर से शादी करने पर महिला और पुरुष दोनों के लिए प्रजनन (fertility) से जुड़ी समस्याएं आ सकती हैं. खासकर महिलाओं के लिए 35 के बाद गर्भधारण की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
3. जनरेशन गैप- अगर शादी देर से होती है तो बच्चों और माता-पिता के बीच उम्र का अंतर ज्यादा हो जाता है, जिससे सोच और समझ में फर्क आ सकता है.
4. एडजस्टमेंट की समस्या- लंबे समय तक अकेले रहने के बाद किसी के साथ एडजस्ट करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.
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