देश की सुरक्षा सिर्फ बॉर्डर पर खड़े जवान ही नहीं, बल्कि खुफिया एजेंसियों के एजेंट भी करते हैं. भारत की दो प्रमुख एजेंसियां – इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) – ऐसे ही बहादुर एजेंट्स तैयार करती हैं. इनकी दुनिया रहस्यों से भरी होती है और इनका काम देश की सुरक्षा के लिए खतरों की जानकारी जुटाना और सही समय पर अलर्ट करना होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके एजेंट चुने कैसे जाते हैं और इसके लिए कैसी तैयारी करनी पड़ती है? आइए जानते हैं.
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) एजेंट बनने का रास्ता
IB एजेंट बनने के लिए ग्रेजुएशन अनिवार्य है. भर्ती अक्सर UPSC परीक्षा, SSC या गृह मंत्रालय की विशेष परीक्षाओं के जरिए होती है. चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और फिजिकल टेस्ट शामिल होते हैं. एजेंट बनने के लिए मजबूत जनरल नॉलेज, करंट अफेयर्स, लॉजिकल रीजनिंग और इंग्लिश पर पकड़ होना जरूरी है.
RAW एजेंट कैसे चुने जाते हैं?
RAW की भर्ती सीधी नहीं होती। इसमें ज्यादातर एजेंट्स को पहले से सरकारी सेवाओं में काम कर रहे अधिकारियों से चुना जाता है. IAS, IPS, IFS या आर्मी के अफसरों को RAW में डिप्यूटेशन पर लिया जाता है. कुछ मामलों में UPSC पास युवा भी विशेष प्रक्रिया से चुने जाते हैं. RAW एजेंट्स को गुप्त ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें जासूसी, साइबर सिक्योरिटी, भाषा ज्ञान और फिजिकल फिटनेस पर खास जोर होता है.
कैसी होती है ट्रेनिंग?
1. एजेंट्स को देश-विदेश में काम करने की ट्रेनिंग दी जाती है.
2. सीक्रेसी में रहना, अलग-अलग भाषा बोलना, हथियार चलाना और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सिखाया जाता है.
3. एजेंट्स की ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है कि मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर बेहद मजबूत होना जरूरी है.
कौन लोग बन सकते हैं एजेंट?
जिनमें देशभक्ति, गुप्त रूप से काम करने की क्षमता, दबाव में शांत रहने की आदत और तेज दिमाग हो. जिनके पास मजबूत ऑब्जर्वेशन और एनालिसिस स्किल्स हों. जो बिना नाम-शोहरत के सिर्फ देश की सुरक्षा के लिए काम करने का जुनून रखते हों.