बगहा कोर्ट ने 27 साल पुराने बहुचर्चित मुंशी टीपू पाण्डेय हत्याकांड में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत ने ठीकेदार गुड्डू गुप्ता उर्फ चंद्र प्रकाश गुप्ता को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अगर यह राशि अदा नहीं की जाती है तो दोषी को 6 महीने अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी.
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यह सनसनीखेज मामला 24 मार्च 1998 का है. उस समय नौरंगिया थाना क्षेत्र के दिल्ली कैंप में मुंशी टीपू पाण्डेय को घर से अगवा कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई थी. लंबे समय तक चली सुनवाई और गवाहों के बयानों के बाद आज अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया.
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सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस मामले में जो व्यक्ति गवाह और सूचक बने थे – बीपीन सिंह और गुड्डू गुप्ता, वही बाद में हत्यारे साबित हुए. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ठोस सबूतों के आधार पर गुड्डू गुप्ता को उम्रकैद की सजा दी.
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इस मामले की सुनवाई एडीजे-4 मानवेन्द्र मिश्र की अदालत में हुई. फैसले के बाद मृतक के वकील राकेश पाण्डेय ने अदालत के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि न्याय की जीत हुई है. वहीं अपर लोक अभियोजन पदाधिकारी जितेंद्र भारती ने फैसले की पूरी जानकारी दी.
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लगभग तीन दशक बाद आए इस फैसले से नौरंगिया और आसपास के इलाके में लोगों ने राहत की सांस ली है. मृतक के परिजनों ने भी कहा कि लंबी लड़ाई के बाद उन्हें न्याय मिला है.
रिपोर्ट: नुरलैन, बगहा.