मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार लोगों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दे रहे हैं . उनका स्पष्ट आदेश है कि किसी भी जिले में अवैध टैक्सी स्टैंड नहीं चलेंगे और न ही प्राइवेट वाहन अवैध रूप से सवारियां ढोएंगे . बावजूद इसके, शहर की सड़कों पर डग्गामार वाहन बेखौफ फर्राटा भर रहे हैं और खुलेआम भूसे की तरह यात्रियों को ठूस-ठूस कर ले जा रहे हैं .
इन वाहनों के पास न तो रूट परमिट है और न ही फिटनेस सर्टिफिकेट . चालक बिना नियम-कानून की परवाह किए यात्रियों की जान जोखिम में डालकर सरकार के राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं . रोडवेज बस संचालक इनकी मनमानी से खासे परेशान हैं .
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शहर में स्थिति यह है कि कई नाबालिग भी बिना लाइसेंस के वाहन दौड़ा रहे हैं . न तो पुलिस और न ही परिवहन विभाग इन पर लगाम लगाने के लिए गंभीर दिखाई देता है . यही वजह है कि आए दिन जाम और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है .
स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय संबंधित विभाग इनसे वसूली में व्यस्त है . उच्च अधिकारियों को चाहिए कि गुप्त तरीके से जांच कराकर हकीकत सामने लाएं, ताकि मुख्यमंत्री के आदेशों की गंभीरता बनी रहे और लोगों की जान भी सुरक्षित हो सके .