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गाजियाबाद: डायरिया के बाद बुखार ने अस्पतालों में बढ़ाए मरीज

गाजियाबाद . मानसून के समय अधिक बारिश होने से वातावरण में नमी हो जाती हैं इस वजह से मानसूनी बीमारियों में बढ़ोत्तरी हो जाती हैं,लगातार हो रही बारिश के चलते बुखार,उल्टी-दस्त और खांसी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है . टायफायड, डेंगू और मलेरिया के मरीज भी रोज मिल रहे हैं .जिला एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को उल्टी-दस्त के बाद बेहोश हुए दो लोगों की मौत हो गई . 22 मरीजों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया है .

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जिला अस्पतालों के अनुसार शुक्रवार को अवकाश के चलते OPD 11 बजे तक ही चली . ऐसे में 100 से अधिक मरीज बिना इलाज कराये निराश होकर वापस घर लौट गये . दोनों जिला अस्पतालों की ओपीडी में कुल 1750 मरीज पहुंचे . इनमें 320 बीमार बच्चे शामिल हैं . ओपीडी में पहुंचे मरीजों में 32 बच्चों समेत बुखार के 200 मरीज शामिल रहे .

CMS के अनुसार उल्टी_दस्त , बुखार, खांसी के सबसे अधिक मरीज पहुंच रहे हैं . मरीज अधिक पहुंचने और सर्जिकल वार्ड को खाली कराने के बाद मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड कम पड़ रहे हैं . अस्पताल की ओर से अब मरीजों को जिला एमएमजी अस्पताल से संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल और डूंडाहेडा अस्पताल भेजा जा रहा है . इन दोनों अस्पतालों में कम मरीज भर्ती हो रहे हैं . बेड भी उक्त दोनों अस्पतालों में खाली पड़े हैं . इसलिए गाज़ियाबाद स्वास्थ्य विभाग मरीजों की देखभाल के लिए समुचित प्रबंध कर रहे हैं .

बैक्टीरिया की सक्रियता से बिगड़ रही स्वास्थ्य व्यवस्था

चिकित्सकों के अनुसार बरसात के मौसम में जगह जगह जलभराव, कूड़ा _करकट जमा हो जाने से नमी हो जाती हैं और इस वजह से बैक्टीरिया व वायरस तेजी से सक्रिय हो जाते हैं . ऐसे में अगर लोग साफ-सफाई का ध्यान न रखें और खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों या संक्रमित पानी का सेवन करें, तो पेट की बीमारियों से ग्रसित होना तय है . वर्तमान में गाज़ियाबाद अस्पताल में आने वाले मरीजों में बच्चों और बुजुर्गों की संख्या अधिक है क्योंकि इनकी प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कमजोर होती है .

रिपोर्ट अम्बुज उपाध्याय