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Patna : मासूम बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा खतरा, जानिए पूरा मामला!

पटना: पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 से एक दुधमुंहे बच्चे की चोरी के मामले का रेल पुलिस ने खुलासा कर दिया है. मामले की जानकारी बच्चे की मां ने पटना जीआरपी थाने में दी थी, जिसके बाद रेल पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और तकनीकी व मानवीय साक्ष्यों के आधार पर नालंदा जिले के एकंगरसराय से बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया. इस दौरान पुलिस ने एक अन्य बच्चे को भी सुरक्षित छुड़ाया.

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रेल डीआईजी राजीव मिश्रा ने बताया कि यह कोई साधारण मामला नहीं है बल्कि अंतरराज्यीय बच्चा चोरी गिरोह का काम है. इस गिरोह में तीन महिलाओं समेत आठ लोग शामिल पाए गए हैं. पुलिस अभी फरार सदस्यों की तलाश और छापेमारी कर रही है.

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जांच में पता चला कि गिरोह निःसंतान दंपतियों से संपर्क कर बच्चों की मांग के अनुसार चोरी करता और उन्हें बेच देता था. प्रति बच्चे के लिए दो से ढाई लाख रुपये की कीमत तय होती थी. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि नालंदा के एकंगरसराय निवासी संजीत विश्वकर्मा ने मुन्ना बिंद से दो लाख रुपये में बच्चे की डील की थी. इसके एवज में मुन्ना बिंद ने रंजीत को 60 हजार रुपये दिए. रंजीत ट्रेन पकड़कर कोटा गया और वहां एक महिला का विश्वास जीतकर मासूम को पटना जंक्शन से चोरी करके ले आया.

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डीआईजी रेल पटना ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क काफी बड़ा है और इसके धंधे कई जिलों तक फैले हो सकते हैं. रेल पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऐसे संगठित गिरोह के खिलाफ अभियान जारी रहेगा और जल्द ही सभी फरार सदस्य गिरफ्तार किए जाएंगे.

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रेलवे पुलिस की सक्रियता के कारण बच्चे को सुरक्षित माता-पिता के हवाले कर दिया गया है. पुलिस का कहना है कि तकनीकी उपकरणों और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से जांच तेजी से की गई और गिरोह के कई चौंकाने वाले राज खुलकर सामने आए.

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इस घटना ने बिहार और आसपास के जिलों में सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता और समाज को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए. डीआईजी राजीव मिश्रा ने नागरिकों से अपील की कि ऐसे गिरोह के खिलाफ सहयोग करें ताकि मासूम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

रंजीत सम्राट, चैनल हेड, सहारा समय बिहार.